नई दिल्ली: गैंगस्टर एक्ट मामले में बसपा नेता अफजाल अंसारी को राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अफजाल अंसारी की सदस्यता बहाल हुई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गैंगेस्टर एक्ट मामले में बसपा नेता अफजाल अंसारी की सजा को सशर्त निलंबित करने के बाद लोकसभा ने उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया. हालांकि उनके अधिकारों को भी कोर्ट ने सीमित किया है. अफजाल अंसारी आगामी  बजट सत्र में संसद की कार्यवाही में भी भाग नहीं ले सकेंगे. साथ ही आदेश के बाद अफजाल अंसारी को लोकसभा में मतदान करने या सरकारी भत्ते और आर्थिक लाभ लेने का अधिकार नहीं रहेगा. 


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लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार को निचले सदन के सदस्य के रूप में बसपा नेता अफजाल अंसारी की अयोग्यता को रद्द कर दिया. लोकसभा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गैंगेस्टर एक्ट मामले में बसपा नेता अफजाल अंसारी की सजा को सशर्त निलंबित करने के बाद यह निर्णय लिया. सांसद के दर्जे की बहाली को लेकर लोकसभा की ओर से एक अधिसूचना भी जारी की गई है, जिसमें कहा बताया गया,  भारत के सुप्रीम के 14 दिसंबर 2023 के आदेश के मद्देनजर, अफजाल अंसारी की अयोग्यता (1 मई 2023 को अधिसूचित). भारत के सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाई गई शर्तों के अनुरूप और आगे की न्यायिक घोषणा तक लागू नहीं होगी. 


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अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता खत्म होने के पीछे साल 2007 में गैंगस्टर अधिनियम का एक मामला है, जिसमें दोषी करार दिए जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया था. बता दें कि 29 अप्रैल को कोर्ट ने मुख्तार को 10 साल की सजा और पांच लाख रुपये से जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. 


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कोर्ट ने मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल को देखते कहा था कि उनका गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र विधायिका में अपने वैध प्रतिनिधित्व से वंचित रहेगा. क्योंकि वर्तमान के लोकसभा के शेष कार्यकाल को देखते हुए चुनाव नहीं कराया जा सकता है. इस फैसले के बाद अफजाल अंसारी ने हाईकोर्ट में अपील की थी. ऐसे में जब तक हाईकोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक गाजीपुर में उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं.