काशी-मथुरा के बाद क्या आगरा की बारी, जामा मस्जिद को लेकर हिन्दुओं ने ठोका बड़ा दावा
Agra Jama Masjid Controversy : आगरा जामा मस्जिद विवाद एक बार फिर तूल पकड़ा दिख रहा है. आगरा जिला कोर्ट में एक वाद दायर किया है. इससे पहले कथावाचक देवकी नंदन ने भी 11 मई 2023 को एक वाद दायर किया था. इसमें तीन सुनवाई हो चुकी है.
मनीष गुप्ता/आगरा : काशी में ज्ञानवापी और मथुरा में शाही ईदगाह के बीच विवाद की गूंज अब आगरा पहुंच गई है. यहां जामा मस्जिद विवाद एक बार फिर तूल पकड़ा दिख रहा है. आगरा जिला कोर्ट में एक वाद दायर कर हिन्दुओं ने दावा किया है कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों में भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह दबे हैं.
चर्चा में आया जामा मस्जिद विवाद
दरअसल, योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से आगरा जिला कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इसमें ट्रस्ट की ओर से दावा किया गया है कि आगरा के जामा मस्जिद की सीढ़ियों में भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह दबे हैं. इससे पहले भी यह मामला उठ चुका है.
जामा मस्जिद की सीढ़ियां खुदवाने की मांग
योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट का दावा है कि मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मथुरा के केशवदेव मंदिर को तोड़कर लाई गई मूर्तियां दबाई गई हैं. ट्रस्ट ने अदालत से मांग की है कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों को खुदवाकर उनके नीचे से भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह और मूर्तियों को निकाला जाए. बता दें कि इससे पहले कथावाचक देवकी नंदन ने भी 11 मई 2023 को एक वाद दायर किया था. इसमें तीन सुनवाई हो चुकी है.
हिन्दू पक्ष का ये है दावा
हिन्दू पक्ष के वकील ने बताया कि वाद में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ और जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी आगरा को प्रतिवादी बनाया गया है. वकील ने बताया कि वाद को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. हिन्दू पक्ष का दावा है कि मुगल आक्रांताओं ने सनातन धर्म और हिन्दू संस्कृति को नुकसान पहुंचाया था. सन 1670 में औरंगजेब ने मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर प्राचीन ठाकुर केशव देव मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बना दी थी.
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