Ayodhya Solar City: उत्तर प्रदेश में अयोध्या नगरी का अपना ही महत्व है. इस राम नगरी में विकास की रफ्तार को तेज कर दिया गया है और इसी के तहत जल्द ही बिजली की समस्या पूरी तरह से दूर करने की सरकार की योजना है. जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक अयोध्या में सरयू नदी के पास ही योगी आदित्यनाथ की सरकार  500 एकड़ में  एक‘सौर सिटी’ को स्थापित करने जा रही है जिसे राम जन्मभूमि  मंदिर के साथ ही मंदिर के पूरे परिसर के लिए एक अहम योजना के तौर पर देखा जा रहा है. 


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तैयार हो चुकी है डीपीआर
बताया जा रहा है कि शहर की जो बिजली से जुड़ी परेशानी है और बिजली की जितनी आवश्यकता है उससे इस परियोजना के जरिए बहुत हद तक निजात पाया जा सकता है. जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक इस परियोजना के लिए एक डीटेल रिपोर्ट यानी डीपीआर लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के द्वारा तैयार की गई है. इतना ही नहीं सर्वेक्षण भी कर लिया गया है. 


अहमदाबाद की तर्ज पर सोलर सिटी
गुजरात के अहमदाबाद में जो सोलर सिटी साबरमती नदी के किनारे स्थापित हुई है, उसी तर्ज पर अयोध्या की परियोजना को भी शुरू किया जाएगा. UPNEDA यानी उत्तर प्रदेश नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास प्राधिकरण के एक अफसर के मुताबिक- नदी की प्रकृति यानी बाढ़ जैसी आशंका या फिर एकाएक ही उसके बढ़ने और घटने से दिक्कत है जिससे परियोजना प्रभावित हो रही है. सरयू नदी की जो प्रकृति है उसके कारण नदी के पास सही जमीन खोजने में मुश्किल भी आ सकती है. अगर परियोजना अच्छे से शुरू हो जाए तो अयोध्या की बिजली आपूर्ति की दिक्कत बहुत हद तक दूर हो सकती है. 


हरित ऊर्जा कहां कहां दी जाएगी
सोलर सिटी की चर्चा के बीच जिला प्रशासन की तरफ से ऐसा कहा गया कि शहर के कई सरकारी डिपार्टमेंट को भी हरित ऊर्जा देने की योजना है. जानकारी के मुताबिक  450 जगहों पर अब तक सोलर लाइट को लगाया गया है. समाहरणालय व आयुक्त कार्यालय के साथ ही कोषागार और अन्य 8 सरकारी भवनों में भी सौर पैनल को स्थापित कराया गया है.


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