वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़ :​ उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के एक स्कूल में एक हफ्ते पहली घटी घटना ने तूल पकड़ लिया है और पूरे राज्य में मंगलवार को सभी प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे. यह मामला 31 अगस्त को कक्षा 11 की स्कूली छात्रा श्रेया तिवारी की आत्महत्या को लेकर शुरू हुआ था, जो अब पैरेंट्स बनाम प्राइवेट स्कूलों की जंग में तब्दील हो गया है. यूपी के सभी प्राइवेट स्कूलों ने मंगलवार को शैक्षणिक गतिविधि बंद करने का फैसला किया है.


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स्‍कूल प्रबंधन कर रहा ये दावा 
यह मामला स्कूल में 31 अगस्त के कुछ दिनों पहले श्रेया के पास कथित तौर पर एक मोबाइल फोन बरामद होने को लेकर शुरू हुआ था. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि फोन में कुछ गंभीर चीजें मिलने के बाद लड़की के अभिभावकों को बुलाने का निर्णय किया गया. यह भी बताया जा रहा है कि लड़की मां को बुलाने की बात कर रही थी, जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए उसके पिता को भी बुलाने की बात स्कूल की ओर से की गई.


घर वालों के ये हैं आरोप 
वहीं, श्रेया के घरवालों का आरोप है कि सूचना मिलते ही वह अस्‍पताल पहुंच गए. बच्‍ची का शव देखा तो होश उड़ गए. आरोप है कि यूनिफार्म फटा चिटा था. उन्हें आशंका है कि उनकी बेटी के साथ दुर्व्‍यवहार कर हत्‍या कर दी गई. परिजनों की ओर से हंगामा करने के बाद स्‍कूल के प्रधानाचार्य और क्‍लास टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया. 


अभिभावक बच्‍चों को स्‍कूल भेजने का तैयार नहीं 
वहीं, विद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्रा पर विद्यालय का कोई दबाव नहीं था. परिजन के सारे आरोप निराधार हैं.  छात्रा के आत्महत्या के लिए विद्यालय न तो दोषी है और न ही जिम्मेदार. वह मानसिक रूप से परेशान रहती थी. वहीं, दूसरी तरफ आजमगढ़ के अभिभावक ने 9 अगस्त को भी अपने बच्चों को स्कूल ना भेजने की बात कही है. 


तीन टीमें गठित 
मामले में सीओ सिटी, एसएचओ सिधारी व महिला थाना सहित तीन टीमें गठित की गई थीं. जांच में पाया गया कि छात्रा आत्‍महत्‍या से पहले प्रिंसिपल के कमरे में गई थी. वहीं, जिस जगह पर छात्रा गिरी थी, वहां ब्‍लड फैला था, जिसे स्‍कूल प्रबंधन द्वारा मिटाया गया. पुलिस ने मामले की जांच साइंटिफ‍िक तरीके से करने की बात कही है. 


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