कुलदीप चौहान/बागपत: अगर किसी के मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उसके हौसलों के सामने कोई भी कठिन काम मुश्किल नहीं होता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बागपत जिले की एक बेटी ने. गरीबी और तंगहाली को पीछे छोड़ते हुए यूपी स्टेट चैम्पियनशिप में हैमर थ्रो गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर अपने गांव ही नहीं पूरे जिले का नाम रोशन किया. इसके साथ ही उसने लोगों को आईना भी दिखाया कि गरीबी के सामने कभी घुटने नहीं टेकने चाहिए. वहीं, एडीएम बागपत ने खिलाड़ी को पुरस्कार व सहायता दिलाये जाने की बात कही है.


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पिता का सिर से उठ चुका है साया, मां घरों में करती है मजदूरी
हैमर थ्रो गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली नेहा को शुरू से ही परेशानियों का सामना करना पड़ा. बचपन में ही सिर से पिता का साया उठ गया. तंगहाली में उनकी मां घरों में मजदूरी कर पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाई. हालात इतने खराब थे कि टूटे घर में बरसात का पानी कमरों में घुस जाता था. लेकिन जीवन कठिनाइयों को पार कर जीत का परचम लहराया. 


स्टेट चैम्पियनशिप में जीता गोल्ड
नेहा 12 कक्षा में पढ़ती है और हैमर थ्रो गेम की खिलाड़ी है. उन्होंने हाल ही में 10 जनवरी को कौशाम्बी में आयोजित स्टेट चेम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. अभी वह नेशनल गेम में खेलने की तैयारी कर रही हैं. नेहा ने बताया, ''हमारे सामने बहुत समस्याएं हैं. मम्मी ही खेतों में और लोगों के घरों में मजदूरी कर हमें पालती हैं. मैं बस यही चाहती हूं कि बड़ी होकर अच्छी नौकरी लग जाए और अपने परिवार को खुशी दे सकूं. मैं गेम पर फोकस कर देश का नाम रोशन करूं और अपनी मां को खुशी दे सकूं.


टूटे-फूटे घर को सही कराने की लगाई की गुहार
नेहा की मां आशा यादव ने बताया कि घर में कोई कमाने वाला नहीं है. ग्राम प्रधान को बोला था कि हमारा भी घर सही करा दो तो वे कहने लगे कि तुम्हारे घर मे ईंट लगी हुई है बगैर ईंट का होता तो बनवा देते अब नही बनेगा ये ही बोलकर मना कर दिया था. वहीं, एडीएम अमित कुमार सिंह ने बताया कि उनको पुरुस्कार या सहायता देने की होगी तो शासन के अनुसार हम रिपोर्ट भेजेंगे ओर शासन से ओर स्पोर्ट से भी उनको सहायता दिलवाने के प्रयास करेंगे.


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