Pandit Harishankar Tiwari: उत्तरप्रदेश के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार 16 मई शाम को निधन हो गया.  इससे उनके परिवार और समर्थकों में निराशा छा गई है.  निधन की खबर मिलते ही उनके घर पर समर्थकों की भीड़ जुट गई है. हर कोई उनके आखरी दर्शन करना चाहता है. बता दें कि चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से लगातार 22 वर्षों कर विधायक रहे. 1985 से लेकर 2007 तक लगातार यहां से चुनाव जीते थे हरिशंकर तिवारी. 


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चिल्लूपार विधानसभा से कई बार विधायक रहे. बाहुबली हरिशंकर तिवारी लगातार 22 साल (1985 से 2007) तक विधायक रहे हैं.
उन्हें पूर्वांचल का बड़ा ब्राह्मण नेता भी माना जाता है.पूर्वांचल के ब्राह्मणों में अच्छी पैठ के साथ पंडित हरिशंकर तिवारी के बाहुबल का इतिहास रहा है. वो 5 बार कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश की विभिन्न सरकारों में रहे. समाजवादी पार्टी समेत बड़े राजनीतिक दलों की सरकार के मंडिमंडल में उनको जगह मिली. हरिशंकर तिवारी 6 बार विधायक रहने के साथ 5 बार कैबिनेट मंत्री बनने का ओहदा पाया.


हरिशंकर तिवारी ने एक बार 1985 में चुनाव जेल से बतौर निर्दलीय लड़ा था और लोकप्रियता के साथ जीता था. हरिशंकर तिवारी 3 बार कांग्रेस के विधानसभा टिकट पर चुनाव लड़कर जीते और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.  बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2007 के विधानसभा चुनाव में उनके बेटे राजेश त्रिपाठी को विधानसभा चुनाव लड़वाया था.


हरिशंकर और वीरेंद्र प्रताप शाही गोरखपुर यूनिवर्सिटी के दोनों से दुश्मनी थी और ये संघर्ष 70-80 के दशक में गैंगवार में बदला और पूर्वांचल में इसका असर दिखा. सरकारी ठेकों में भी यही जंग दोनों में देखी गई. बाद में वीरेंद्र प्रताप शाही की मौत हो गई. हरिशंकर तिवारी का नाम माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला से भी जुड़ा. 


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