Bhai Dooj 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानी दिवाली (Diwali 2022) के दो दिन बाद भाई दूज (Bhai Dooj 2022) का त्योहार मनाया जाता है. इसे यम द्वितीया (Yam Dwitiya 2022) के नाम से भी जाना जाता है. इस बार भाई दूज का त्योहार 26 अक्टूबर और 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक कर उनकी लंबी उम्र, उन्नति और बेहतर भविष्य की कामना करती हैं. यह त्योहार भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है.


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भूलकर भी भाई-बहन ना करें ये काम 
1. कई बार बहनें अपने भाई के घर तिलक करने जाती हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. भाई दूज के दिन भाई अपनी बहनों के घर जाएं. 
2. शुभ मुहूर्त में ही बहन अपने भाई को तिलक करें.
3. तिलक करते समय न तो बहन और ने भाई काले रंग के वस्त्र पहने. 
4. भाई को त‍िलक करने तक बहनों को न‍िर्जला ही रहना चाह‍िए. भाई का तिलक कर उसे मीठा जरूर खिलाएं. ऐसा करने से दोनों के बीच प्रेम बना रहेगा. 
5. मान्यता है कि इस दिन भाई को अपने घर पर खाना नहीं खाना चाहिए. अपनी बहन के घर पर खाना खाना चाहिए. 
6. भाई-बहन एक-दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करें और झगड़ा न करें.
7. बहन के घर पर बने खाने का अपमान न करें. ऐसा करने से भाई को नुकसान झेलना पड़ सकता है. 
8. भाई दूज के दिन अपनी बहन से बिल्कुल भी झूठ न बोलें. ऐसा करने से आपको यमराज के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है. 
9. इस दिन मांस और मदिरा का सेवन ना करें. ऐसा करने से यम देव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है. 
10. इस दिन भाई की पसंद का खाना बनाएं. 
11. तिलक के बाद भाई को बहन को कुछ न कुछ उपहार जरूर देना चाहिए. 


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ऐसे करें पूजा
व्रत रखने वाली बहनें पहले सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत शुरू करें. इसके बाद आटे का चौक तैयार कर लें. शुभ मुहूर्त आने पर भाई को चौक पर बिठाएं और उसके हाथों की पूजा करें. सबसे पहले भाई की हथेली में सिंदूर और चावल का लेप लगाएं फिर उममें पान, सुपारी और फूल इत्यादि रखें. उसके बाद हाथ पर कलावा बांधकर जल डालते हुए भाई की लंबी उम्र के लिए मंत्रजाप करें और भाई की आरती उतारे. इसके बाद भाई का मुंह मीठा कराएं और खुद भी करें. 


तिलक लगाते समय इस मंत्र का करें जाप 
"गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले फलें!"


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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.