Delhi-NCR AQI: दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. दशहरे के पहले से ही दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों की हवा दूषित है. हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है. लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है. यहां आनंद विहार में AQI 452, आरके.. पुरम में 433, पंजाबी बाग में 460 और ITO में 413 दर्ज किया गया. वहीं, फरीदाबाद में 396, गुरुग्राम में 370 और नोएडा में 385 एक्यूआई दर्ज किया गया है. 


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प्रयागराज-कानपुर भी प्रदूषण से अछूते नहीं 
उत्तर प्रदेश के नौ शहरों में हवा सबसे ज्यादा दूषित और खतरनाक स्थिति में है, जिनमें गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और मेरठ भी शामिल है. गाजियाबाद में AQI लेवल 382, ग्रेटर नोएडा में 476, हापुड़ में 349 है. बुधवार को प्रयागराज में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 226 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया है.  वहीं, कानपुर में AQI 210 दर्ज किया गया है. 
 
कैसा रहेगा मौसम का मिजाज
उत्तर प्रदेश में इन दिनों मौसम भी बदला-बदला सा है. यहां दिन की तेज धूप में गर्मी और शाम को ठंड का एहसास हो रहा है. यूपी में सुबह और रात के समय हल्की हल्की ठंड होने लगी है. बदलते मौसम के चलते लोगों को बीमारी का सामना भी करना पड़ रहा है. मौसम वैज्ञानिक मो. दानिश के मुताबिक, अगले एक हफ्ते तक ऐसा ही मौसम रहेगा. उन्होंने बताया कि बीते दिन मेरठ में सबसे कम 12.5 तापमान और बरेली में 12.4 तापमान रहा. यह तापमान रात के समय रिकॉर्ड किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में कहीं भी बारिश की कोई संभावना नहीं है. 


क्या होता है AQI (Air Quality Index) 
Air Quality Index (वायु गुणवत्ता सूचकांक) एक नंबर होता है, जिसके जरिए हवा की क्वालिटी का पता लगाया जाता है. साथ ही भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है. हर देश का Air Quality Index वहां मिलने वाले प्रदूषण कारकों के आधार पर अलग-अलग होता है. भारत में एक्यूआई को मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरोमेंट, फॉरेस्ट और क्लाइमेट चेंज ने लॉन्च किया. 


इन 6 कैटगरी में बांटा जाता है 
बता दें कि एक्यूआई को रीडिंग के आधार पर छह कैटेगरी में बांटा गया है. 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है. भारत में एक्यूआई आठ प्रदूषण कारकों (PM10, PM 2.5, NO2, SO2, CO2, O3, NH3 और Pb) के आधार पर तय किया जाता है. 


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