Education Budget 2024: लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा, "हमें गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, उनकी जरूरतें और आकांक्षाएं हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं." वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में शिक्षा (Education), रोजगार और कौशल विकास (Skill Development) सेक्टर से जुड़ी मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कुछ घोषणाएं भी कीं. 


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मेडिकल कॉलेजों के लिए नई कमेटी 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि युवा डॉक्‍टर बनकर देश की सेवा करने की एस्पिरेशन रखते हैं. इसे ध्‍यान में रखते हुए सरकार मौजूदा हॉस्पिटल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को डेवलेप करते हुए नए मेडिकल कॉलेज स्‍थापित करेगी. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि 2014 के बाद से देश में बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा के नए संस्थान स्थापित किए गए हैं,  जिनमें 7 आईआईटी, 16 आईआईआईटी, 7 आईआईएम, 15 एम्स और 390 विश्वविद्यालय शामिल हैं. 3000 नए आईटीआई संस्थान भी स्थापित किए गए हैं. 


वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘स्किल इंडिया मिशन के तहत 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, 54 लाख युवाओं का कौशल-उन्नयन किया गया है तथा उन्हें दूसरे हुनर में कुशल बनाया गया है.’’ 


1 लाख करोड़ रुपए का बनाया जाएगा कोष 
50 वर्षीय ब्‍याज मुक्‍त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपए का कोष स्‍थापित किया जाएगा. इस कोष से दीर्घकालिक वित्‍त पोषण या पुनर्वित्‍तपोषण कम या शून्‍य ब्‍याज दरों पर उपलब्‍ध कराए जाएंगे. 


रक्षा उद्देश्‍यों के लिए डीप-टेक प्रौद्योगिकी को मजबूती देने और आत्‍मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी. 


स्टार्टअप इकाइयों, पेंशन कोषों को कर लाभ का प्रस्ताव 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में स्टार्टअप और पेंशन कोषों को कुछ कर लाभ का प्रस्ताव दिया है. सरकार ने देश में स्टार्टअप इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. सरकार द्वारा अबतक 1.17 लाख स्टार्टअप को मान्यता दी गई है. स्टार्टअप इंडिया के लिए 16 जनवरी, 2016 को एक कार्ययोजना पेश की गई थी. इसके तहत सरकार कर और गैर-राजकोषीय प्रोत्साहन प्रदान करती है. 


वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत तथा टिकाऊ विकास पथ पर रखा गया है. वित्त मंत्रालय ने अपनी नवीनतम मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले तीन वर्षों में मौजूदा 3,700 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 5,000 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी. इसमें कहा गया कि भारत अगले छह से सात वर्षों में (2030 तक) 7,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रख सकता है. 


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