Hindi Diwas 2021: 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस?, जानें इतिहास और महत्व
आजादी के बाद देश में हिंदी के उत्थान के लिए 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया. ये दिन देश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. राजभाषा के दर्जे में अंग्रेजी को हटाकर हिंदी को चुने जाने पर देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रर्दशन शुरू हो गया था.
लखनऊ: 14 सितम्बर को पूरे देश में राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है. आजादी के बाद देश में हिंदी के उत्थान के लिए 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया. ये दिन देश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. हालांकि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) के रूप में मनाया जाता है, इस तरह से भारत में दो बार हिंदी दिवस मनाया जाता है. हिन्दी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. हमारे देश में करीब 77 फीसदी लोग हिन्दी बोलते, समझते और पढ़ते हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंदी दिवस की बधाई दी है.
14 सितंबर 1949 को हिंदी राजभाषा घोषित
संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में इसका उल्लेख है. इसके अनुसार भारत की राजभाषा 'हिन्दी' और लिपि देवनागरी है. साल 1953 से हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाने की शुरुआत हुई. इस दिन संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा घोषित किया. वहीं राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की सिफारिश के बाद से 14 सितंबर 1953 से हिंदी दिवस मनाया जाने लगा. आपको बता दें पूरी दुनिया में विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है.