Importance Of Yoga: योग करने से शरीर, मन और आत्मा स्वस्थ रहते हैं. शरीर और मन को शांत करने के लिए यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक संतुलन बनाता है. योग तनाव और चिंता को दूर भगाने में भी मदद करता है. शरीर का पूराना से पूराना रोग योग करने से ठीक हो जाता है. हम यहां बताने वाले हैं पेट के कब्ज के लिए किए जाने वाले योगासन की. आज भारत का हर दूसरा इंसान पेट के कब्ज से परेशान है. गैस और एसिडिटी हर समय बनी रहती है. इसके कारण यदि सुबह आपका भी पेट साफ नहीं होता है तो यहां बताए जा रहे योगासन को जरूर करें. इनको नियमित करने से आप इस समस्या से छुटकारा पा लेंगे. इसलिए कहते हैं ये टिप्स से पेट सफा और फिर रोग दफा. 


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सबसे पहले जानें की योग करने के लिए क्या- क्या जरूरी है. 
ब्रह्म मुहूर्त में उठें. 
तांबे के लोटे रात का रखा पानी पीएं. 
योग करने से पहले शरीर को गर्म करने के लिए कमर को घुमाएं
योग करते समय पानी ना पीएं
पहली बार में किसी की देखरेख में ही योग करें. 
गलत योगासन से ज्यादा नुकसान हो सकता है. 


1. योगासन
उदराकर्षण: आप सबसे पहले अपने दोनों पंजों के बल पर बैठ जाएं.  गहरी श्वास लें और फिर दाहिने घुटने को भूमि पर टिकाएं और बाएं घुटने को उपर छाती के पास रखें.  दोनों ही घुटने अपने हाथ के पंजे से कवर करें. दाहिने घुटने को भूमि पर टिकाते वक्त ध्यान दें कि आपका पंजा तो भूमि पर ही रहे, लेकिन एड़ी हवा में हो. अब इसी स्थिति में पूरा शरीर गर्दन सहित बाईं ओर घुमाएं. ऐसी स्थितति में दायां घुटना बाएं पंजे के ऊपर स्पर्श करेगा और अब दाहिने पैर की एड़ी को देखें. शुरुआत में एक से दो मिनट तक इसी अवस्था में रहें फिर सामान्य अवस्था में लौट आएं. लौटते वक्त श्वास पूर्णत: बाहर होना चाहिए. इस आसन को लेट कर भी किया जाता है. 


नौकासन: पेट साफ करने के लिए नौकासन योगा की जा सकती है. इस योगासन को करने के लिए पैरों को सामने की तरफ फैलाकर बैठें. इसके बाद घुटनों को मोड़कर पैरों को जमीन से थोड़ा ऊपर उठाएं और अपने हाथों को सामने की तरफ रखें. इस आसान को कुछ देर होल्ड करें और फिर छोड़ दें. ऐसा 3 बार करें.  


त्रिकोणासन: सबसे पले सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं. अब एक पैर उठाकर दूसरे से डेढ़ फुट के फासले पर समानांतर ही रखें. अब श्‍वांस अंदर भरें. फिर दोनों बाजुओं को कंधे की सीध में लाएं.  अब धीरे-धीरे कमर से आगे झुके.  फिर श्वास बाहर छोड़ें. अब दाएं हाथ से बाएं पैर को स्पर्श करें.  बाईं हथेली को आकाश की ओर रखें और बाजू सीधी रखें।. इस दौरान बाईं हथेली की ओर देखें. इस अवस्था में दो या तीन सेकंड रुकने के दौरान श्वास को भी रोककर रखें. अब श्‍वास छोड़ते हुए धीरे धीरे शरीर को सीधा करें. फिर श्‍वास भरते हुए पहले वाली स्थिति में खड़े हो जाएं. इसी तरह श्‍वास निकालते हुए कमर से आगे झुके.  अब बाएं हाथ से दाएं पैर को स्पर्श करें और दाईं हथेली आकाश की ओर कर दें. आकाश की ओर की गई हथेली को देखें. दो या तीन सेकंड रुकने के दौरान श्वास को भी रोककर रखें. अब श्वास छोड़ते हुए धीरे धीरे शरीर को सीधा करें. फिर श्वास भरते हुए पहले वाली स्थिति में खड़े हो जाएं. यह प्रकार पूरा एक चरण होगा. इस क्रम को तब तक करें जब तक शरीर ना थके.