Joshimath Subsidence: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ (Joshimath, Chamoli) इन दिनों चर्चा में बना हुआ है. यहां भू-धंसाव (Joshimath Sinking) के चलते कई मकानों में दरारें आ चुकी हैं. जिन्हें असुरक्षित घोषित किया जा चुका है. इन असुरक्षित भवनों (Demolition of Unsafe Hotels and Houses) को गिराने का फैसला लिया गया है. इसी क्रम में मंगलवार से जोशीमठ में जिन होटलों और मकानों में अधिक दरारें हैं, उन्हें गिराने का काम शुरू कर दिया गया है. प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित क्षेत्रों को खाली करा लिया है. वहीं, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट (Minister Ajay Bhatt) भी जोशीमठ पहुंच गए हैं. स्थिति को लेकर आर्मी बेस में प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा की जा रही है. 


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होटल मलारी इन को गिराया जाएगा
जोशीमठ के होटल मलारी इन को तोड़ने का काम जल्द शुरू होगा. मौके पर एसडीआरएफ को तैनात किया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट की जा रही है. आपको बता दें कि विशेषज्ञों की टीम ने जोशीमठ में सर्वे किया था. उनकी रिपोर्ट के आधार पर ज्यादा खतरनाक भवनों को गिराने का फैसला लिया गया था. विशेषज्ञों ने होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू को भी असुरक्षित घोषित किया था. जिसके बाद इन्हें ध्वस्त किया जा रहा है. 


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कभी भी गिर सकता है होटल मलारी इन 
SDRF कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि जोशीमठ में होटल मलारी इन (Hotel Malari Inn) को गिराया जाएगा. इसे चरणबद्ध तरीके से गिराया जाएगा. ये होटल टेढ़ा हो गया हैं. इसे तोड़ना जरूरी है क्योंकि इसके नीचे भी कई घर और होटल हैं. ऐसे में अगर ये ज्यादा धंसेगा तो कभी भी गिर सकता है. उन्होंने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान मौके पर CBRI के एक्सपर्ट भी आएंगे. 


होटल के मालिक ने आर्थिक मूल्यांकन की मांग की
वहीं, मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि मुझे केंद्र और राज्य सरकार से बहुत तकलीफ है. ये होटल जनहित में तोड़ा जा रहा है कोई बात नहीं, मैं प्रशासन के साथ हूं. बस मुझे नोटिस देना चाहिए और मेरा आर्थिक मूल्यांकन कर देना चाहिए. मैं यहां से चला जाऊंगा. उन्होंने सरकार से आर्थिक मूल्यांकन किए जाने की मांग की है. 


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चमोली डीएम ने क्या कहा? 
जोशीमठ और कर्णप्रयाग के संकट पर चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने ज़ी मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि हमने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं. वहां से लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है. ज्यादातर लोगों को निकाल लिया गया है.सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की टीम यहां आ रही है. उनके दिशानिर्देश पर असुरक्षित घरों को ध्वस्त किया जाएगा. बता दें कि जोशीमठ में 678 मकानों में दरारें आई हैं. इलाके के 81 परिवारों को Danger Zone से अस्थाई तौर पर शिफ्ट कर दिया गया है. 


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कर्णप्रयाग में भी जांच टीम गठित की गई
वहीं, कर्णप्रयाग को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ मकानों में दरार आई है. इसके लिए जांच टीम गठित कर दी गई है. इसके साथ ही प्रभाविक इलाकों में IIT रुड़की से सर्वे कराने की सिफारिश की गई है. कर्णप्रयाग में NH को चौड़ा किया जा रहा है, जिस वजह से भी थोड़ा नुकसान हुआ है. नुकसान का ऐस्टीमेट बनाकर भेज दिया है. कर्णप्रयाग में प्रशासन लगातार लोगों के साथ संपर्क में है. अगर उन्हें विस्थापन की जरूरत पड़ेगी तो उन्हें विस्थापित किया जाएगा. 


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