5वीं फेल गब्बर ने बना दी अमेरिका की ड्रैगन बाइक, अनोखी बाइक की पूरे देश में हो रही चर्चा
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Kushinagar News : 5 हजार की पुरानी बाइक को युवक ने दिन रात एक करके ऐसा लुक दिया है जिसे देखकर हर कोई अचंभित है. हैरानी की बात यह है कि गब्बर भारती नाम के इस युवक के पास ना तो कोई इंजीनियरिंग की डिग्री है और ना ही कोई डिप्लोमा.
प्रमोद कुमार गौड़/ कुशीनगर: प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है, वह अपना मुकाम ढूंढ ही लेती है. कुशीनगर के एक युवक ने यह कहावत चरितार्थ किया है. सीमित संसाधनों के बल पर युवक ने पुरानी बाइक को ऐसा रूप दिया है, जिसे देखकर लोग दांतों तले अंगुली दबा ले रहे हैं. इस बाइक की तुलना हॉलीवुड की फिल्मों में दिखने वाले बाइक से की जा रही है.
बाइक देखकर हर कोई हो जाता है अचंभित
5 हजार की पुरानी बाइक को युवक ने दिन रात एक करके ऐसा लुक दिया है जिसे देखकर हर कोई अचंभित है. हैरानी की बात यह है कि गब्बर भारती नाम के इस युवक के पास ना तो कोई इंजीनियरिंग की डिग्री है और ना ही कोई डिप्लोमा. युवक मात्र कक्षा 2 तक ही पढ़ा है. इसके बाद पूरा बचपन मुफलिसी में काटा.
घर चलाने के लिए होटल में काम किया
यह बाइक जितनी अनोखी है उतनी ही अनोखी कहानी इसे बनाने वाले गब्बर भारती की है. बेहद गरीब परिवार में जन्मे गब्बर के पिता ने बचपन में ही उसकी मां को छोड़ दिया. इसके बाद गब्बर को घर चलाने के लिए होटल पर काम करना पड़ा. इसके बाद गब्बर को उसके मामा अपने साथ लेकर बंगाल चले गए. मां और दो विकलांग भाइयों का बोझ ढो रहे गब्बर का विवाह हो गया तो जिम्मेदारियां बढ़ गईं.
कई राज्यों में नौकरी की
बंगाल में उसने बेल्डिंग का काम सीख लिया. इसके बाद परिवार का भरण पोषण करने के लिए उसने कई प्रदेशों में बेल्डर की नौकरी की. बचपन से कुछ अलग करने की सोच रखने वाले गब्बर ने अंत में कुशीनगर के तमकुहीराज कस्बे में बेल्डर की नौकरी शुरू किय. यहां वह कुछ नया करने के विचार में लगा रहता था. एक दिन उसने गांव के खेत में विशेष तरह का कीड़ा देखा तो उसने उसी मॉडल में बाइक बनाने का निर्णय लिया.
दिनभर काम करने के बाद घर आकर बाइक को देते नया रूप
इसके बाद उसने अप्रैल 2023 में अपने एक रिश्तेदार से पुरानी बाइक खरीद ली और फिर उसे मोडिफाई करना शुरू कर दिया. गब्बर पर बाइक को मोडिफाई करने का भूत इस हद तक सवार था कि वह दिनभर दुकान पर बेल्डिंग का काम करता था, इसके बाद देर रात तक अपनी बाइक पर रिसर्च करता. तमाम कबाड़ की दुकानों से बाइक के लिए जरूरी सामान एकत्र करता. गब्बर के जुनून का ही आलम रहा कि उसने 5 माह में ही पुरानी बाइक को ऐसा रूप दे दिया जिसे देखने वालों की लाइन लगी रहती. बहुत कम लागत में बाइक को मोडिफाई करने गब्बर यहीं रुकने वाला नहीं है उसने अभी और बहुत कुछ बनाने का प्लान हैं.