प्रमोद कुमार/कुशीनगर: उत्तर प्रदेश में वैसे तो परिषदीय विद्यालयों में असुविधाओं की खबर अक्सर सुनी और देखी जाती थीं लेकिन कुशीनगर जिले के रामकोला ब्लाक स्थित खोटही बनकट के पूर्व माध्यमिक विद्यालय ने ऐसी तस्वीर पेश की है. जो अच्छे अच्छे निजी स्कूलों को भी मात दे रहा है. 


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करीब 500 बच्चे करते हैं पढ़ाई
कभी जर्जर अवस्था में रहा यह विद्यालय आज आधारभूत सुविधाओं में क्षेत्र के निजी स्कूलों की तरह नजर आता है. यहां के प्रिंसिपल सूर्य प्रताप के प्रयासों और स्थानीय लोगों की मदद से विद्यालय के परिसर एवं हर कक्षा बेहद सुंदर है. साथ ही  सीसीटीवी कैमरे से लैस यह विद्यालय ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के भी बहुत कम विद्यालयों में देखने को मिलते हैं. स्कूल में छात्र छात्राओं की संख्या बढ़ती जा रही है. वर्तमान में यहां करीब 500 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं.


अन्य स्कूलों के लिए पेश की मिसाल
करीब 11 वर्ष पहले इस विद्यालय की तस्वीर ऐसी नहीं थी बल्कि इस विद्यालय में गिरती दीवारें और जर्जर अवस्था के तौर पर पहचान आसपास के क्षेत्रों में बना चुकी थीं. लोग अपने बच्चों को पढ़ने भेजने से कतराते थे. जिस वजह से यहां गांव के पालतू जानवर बांधे जाते थे. लेकिन आज विद्यालय की सूरत बदली है व अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणाश्रोत बन गयी. 


सीएम योगी कर चुके हैं सम्मानित
बच्चों को ड्रेस कोड दिया गया है. जिसमें बूट,टाई बेल्ट,आईकार्ड होता है. साथ ही बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चें हीन भावना से न दिखे, इसको लेकर रंग बिरंगे टीशर्ट देकर बच्चों को उस माहौल को देने की कोशिश की गई जो बेहद कारगर साबित हुआ. यह सब खर्च सूर्य प्रताप अपने वेतन से करते हैं. सीएम योगी ने प्रिंसिपल को इस प्रयास के लिए सम्मानित भी किया है.


बच्चों ने प्रतियोगिताओं में दिखाया दम
बच्चे राज्य स्तर तक हर प्रतियोगिता में भाग लेते है.  यहां के बच्चे नवोदय विद्यालय, राष्ट्रीय योग्यता आधारित परीक्षा, विद्याज्ञान परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. पिछले साल इस विद्यालय के 9 बच्चों ने राष्ट्रीय योग्यता आधारित परीक्षा में मेरिट हासिल की. जिसके कारण अब सरकार की तरफ से उनकी शिक्षा के लिए एक हजार रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति देगी.