भारत का इतिहास राजा महाराजाओं की कहानियों से भरा हुआ है. कुछ शाशक अपनी बहादुरी और कार्यशैली के कारण इतिहास में अपना नाम अमर कर गए हैं तो वहीं कुछ राजा महाराजा ऐसे भी रहे जो दिन रात रंगरलियां मनाते रहे. ऐसा ही एक राजा था पटियाला रियासत का राजा भूपिंदर सिंह. भूपिंदर सिंह अपनी रंगीन मिजाजी के लिए मशहूर हुए. 


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12 अक्टूबर 1891  में जन्में भूपिंदर सिंह १९०० में मात्र 9 साल की उम्र में राजा बन गए थे. वह बचपन में बहुत ही उदार स्वभाव के थे. युवा उम्र होते होते राजा रंगीन स्वभाव के होते चले गए. वह यौवन और शराब के इतने शौक़ीन थे कि उन्ही के कारण आज भी दुनिया भर में पटियाला पेग प्रसिद्ध है. भोग विलास के शौकीन भूपिंदर सिंह ने 365 शादियां की. उनके 83 बच्चे हुए जिस में से केवल 50 ही जिन्दा रह सके.    


राजा ने अपनी रंगरलियों के लिए एक अलग महल बनाया हुआ था जिसका नाम लीला भवन दिया था. इस भवन में राजा की महारानियों और दासियों को अधिकांश समय बिना कपड़ों के ही रहना होता था . इस भवन के एक कमरे में राजा सेक्स से जुड़े हुए अलग अलग तरह के खेल खेलता था. महल के अंदर नहाने के लिए बड़ा तालाब था. इसमें राजा लगभग 150 पत्नियों और रखैलों को एक साथ बुलाकर नहाता था. 


अन्य सुख सुविधाओं से भी संपन्न था भूपिंदर सिंह 
राजा भूपिंदर सिंह के पास 44  निजी गाड़ियां थी जिसमें से 20  रॉयल्स कारें हर समय उसकी सेवा में हर जगह मौजूद रहती थी. इसके अलावा राजा के पास ब्रिटेन से ख़रीदा हुआ अपना निजी विमान भी था. साथ ही कार्टियर नामक आभूषण कम्पनी द्वारा बनाया गया पटियाला हार भी राजा भूपिंदर सिंह के पास था. यह हार पूरी दुनिया के लिए चर्चा का विषय था.  इसमें 2900  से ज्यादा हीरे थे. साल 1948  में यह हार चोरी हो गया. जिसके टुकड़े अलग अलग लोगों के पास अलग अलग जगहों पर मिले.