राजेंद्र तिवारी/महोबा : 2017 विधानसभा चुनाव में महोबा सदर सीट पर सपा-बसपा के बीच हुए खूनी संघर्ष में निर्दलीय प्रत्याशी की मौत और सपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री के पुत्र व समर्थक को गोली लगने के मामले में आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. छह साल बाद न्यायालय ने पूर्व मंत्री के पुत्र को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, पूर्व विधायक के बेटे को हत्‍या के प्रयास का दोषी मानते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. जबकि इसी मामले में 11 आरोपियों पर दोष सिद्ध न होने पर उन्हें बरी कर दिया गया है.  हाई प्रोफाइल मामले के फैसले के चलते कोर्ट में खासी गहमा गहमी रही.  सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल न्यायालय परिसर में तैनात किया गया. 


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यह है पूरी घटना 
बता दें कि साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में महोबा सदर सीट में होने वाले मतदान की पूर्व संध्या में घटित वारदात का यह मामला है. शासकीय अधिवक्ता दिनेश सिंह ने बताया कि साल 2017 विधानसभा चुनाव में प्रचार को लेकर सपा और बसपा समर्थकों के बीच खूनी संघर्ष की वारदात हुई थी. इसमे दोनों पक्षों में ताबड़तोड़ फायरिंग भी हुई थी. इस खूनी संघर्ष में निर्दलीय प्रत्याशी राकेश लाला सिंह की मौत हो गई थी. 


दोनों पक्षों से 13 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा 
साथ ही सपा प्रत्याशी सिद्ध गोपाल साहू के पुत्र साकेत साहू और एक समर्थक अब्दुल तारिक को भी गोली लगी थी. इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से कुल 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. करीब छह साल तक चले मुकदमे के बाद शासकीय अधिकवक्ताओ की दलीलों और अभियोजन पक्ष और पुलिस की पैरवी में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम दस्यु प्रभावित क्षेत्र राजीव पालीवाल ने अपना फैसला सुनाते हुए दोनों पक्षों के 11 लोगों को निर्दोष करार दिया है.


आजीवन कारावास की सजा 
वहीं, इस मामले में पूर्व मंत्री सिद्धगोपाल साहू के पुत्र साकेत को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कठोर कारावास और 25 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. वहीं, पूर्व विधायक अरिमर्दन सिंह के पुत्र अनुरुद्ध प्रताप सिंह उर्फ हिमाचल सिंह को हत्या के प्रयास का दोषी पाते हुए धारा 307 के तहत 10 वर्ष का कठोर कारावास के साथ 25 हजार रुपये का अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं. 


पूर्व विधायक अरिमर्दन सिंह के समर्थकों में छाई मायूसी 
कोर्ट से सजा की खबर मिलते ही वृद्ध पूर्व विधायक अरिमर्दन सिंह सहित उसके समर्थकों में मायूसी छा गई. वहीं, साकेत को आजीवन कारवास की सजा सुनकर पूर्व मंत्री सहित सभी परिवार के लोग उदास हो गए. इस फैसले को लेकर भारी पुलिस बल सहित अधिवक्ता एवं राजनीतिक दल के लोग कोर्ट के बाहर खड़े रहे. फैसले को लेकर खासी गहमा गहमी न्यायालय परिसर में देखने को मिली है.