SP Candidate Dimple Yadav Property Details: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. यहां एक लोकसभा सीट जबकि दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की मतगणना हुई. जिनमें मैनपुरी, रामपुर और खतौली सीट शामिल हैं. इन तीनों सीटों में सबसे ज्यादा चर्चित सीट मैनपुरी (Mainpuri Loksabha Upchunav 2022) रही. इस सीट पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) को अपना उम्मीदवार बनाया था. डिंपल यादव ने इस सीट पर जीत हासिल की है. आइये जानते हैं डिंपल यादव के पास कितनी संपत्ति (Dimple Yadav Property) है.


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करोड़ों की संपत्ति की मालकिन हैं डिंपल
डिंपल यादव ने नामांकन के समय 19 पेज में अपनी संपत्ति का ब्यौरा भी दिया था. नामांकन में दी गई जानकारी के मुताबिक, डिंपल यादव 9 करोड़ 62 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति की मालिक हैं. उनके पास 4 करोड़ 62 लाख रुपये की चल संपत्ति है. जबकि 4 करोड़ 99 लाख रुपये की अचल संपत्ति है. उनके पास कार नहीं है. हथियार भी नहीं है, लेकिन 59 लाख से अधिक के हीरे, मोती और सोने के गहने हैं. वहीं 31 लाख से ज्यादा का कर्ज है. इसके अलावा पति अखिलेश के पास जो भी संपत्ति है, उसमें वो आधे की हकदार हैं. सैफई और लखनऊ में जो मकान है, उनमें भी उनका आधा हिस्सा है. उन्होंने बैंक से ऋण भी ले रखा है और अपनी संपत्ति से किराया भी वसूलती हैं. पिछले साल डिंपल को 78 लाख से ज्यादा कमाई हुई थी. इस तरह उन्हें हर महीने करीब साल लाख रुपये की आय हुई थी.


लखनऊ में एक करोड़ 22 लाख रुपये के दो मकान हैं. सैफई में 4 बीघा कृषि योग्य जमीन है. डिंपल के पास 102300 रुपये की नकदी और उनके पति अखिलेश के पास 356010 रुपये की नकदी दिखाई गई है. डिंपल के पास 2774.674 ग्राम सोने के आभूषण, 203 ग्राम मोती, 127.75 कैरेट हीरे भी हैं जो लगभग 5976687 रुपये के हैं. उनके पास सवा लाख रुपये का एक कंप्यूटर भी है. उनकी कुल 46271804 रुपये की सकल संपत्ति है. डिंपल ने बिरला सनलाइफ और जनरल इंश्योरेंस से बीमा करवा रखा है. एक्सिस बैंक लखनऊ से उनका 517000 का किराए का एग्रीमेंट है. डिंपल यादव के खिलाफ किसी भी थाने में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.


डिंपल यादव दो बार रह चुकी हैं सांसद
डिंपल यादव समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी और सपा संरक्षक दिवंगत मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू हैं. वह दो बार कन्नौज से सांसद रह चुकी हैं. हालांकि, उनको पहले ही चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. 2009 में अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद और कन्नौज सीट से लोकसभा चुनाव जीता था. जिसके बाद फिरोजाबाद सीट डिंपल यादव के लिए खाली कर दी थी, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार राजबब्बर ने उन्हें चुनाव में हरा दिया था. इसके बाद साल 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में वह जीतीं और सांसद बनीं. 2014 के आम चुनाव में भी वह कन्नौज सीट से जीतकर लोकसभा पहुंची थीं. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था.