उधम सिंह नगर: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर की एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल, इस शादी में दूल्हे की जगह एक दुल्हन बग्गी पर सेहरा बांध कर पहुंची. भारतीय समाज में वैसे तो दूल्हे को सेहरा बांध कर आने की परंपराएं और रीति-रिवाज प्रचलित हैं. लेकिन दुष्यंत और सिमरन ने अपनी शादी में पुरानी प्रथाओं को तोड़ते हुए एक अलग परंपरा विकसित की है. 


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यूपी से आई है उत्तराखंड की दुल्हन 
उधम सिंह नगर के काशीपुर में केपी सिंह रहते हैं. उनके बेटे दुष्यंत चौधरी का विवाह मूल रूप से यूपी के मुजफ्फरनगर के खतौली में कृषक पिंटू चौधरी की इकलौती बेटी सिमरन चौधरी के साथ तय हुई थी. दुष्यंत पेशे से पैट्रोलियम इंजीनियर हैं जबकि बीटेक कर चुकी सिमरन वर्तमान में दुबई में कंपनी में नौकरी करती है. सिमरन की बीते 27 नवंबर को मुजफ्फरनगर के खतौली में जगत कॉलोनी स्थित निवास पर घुड़चढ़ी हुई, जिसमें वह बग्गी पर सवार होकर आईं. 


परिजन और रिश्तेदारों ने दिया साथ 
परिजन और रिश्तेदारों ने इस दौरान बैंड बाजे के साथ जमकर डांस किया. इस दौरान 25 वर्षीय सिमरन ने खुद को दूल्हे से कम नहीं आंका और बारात में राजशाही अंदाज में एंट्री ली. बग्गी पर सवार सिमरन ने दूल्हे की तरह पगड़ी पहनी. फिर अपने परिवार व दोस्तों के साथ शादी की रस्म के लिए गईं. 29 नवंबर को सिमरन की विदाई हुई और वह काशीपुर आईं. यहां 30 नवंबर को जसपुर रोड स्थित पवार रिजॉर्ट में प्रीतिभोज का आयोजन किया गया. फिलहाल सिमरन की घुड़चढ़ी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. 


घुड़चढ़ी के जरिए समाज में देना चाहती थीं संदेश
सिमरन ने बताया कि उन्होंने यह सब समाज में एक संदेश देने के मकसद से किया है. शादी की सभी रस्में लड़के और लड़की दोनों पक्ष की ओर से निभाई जाती हैं, जबकि घुड़चढ़ी की रस्म केवल वर पक्ष द्वारा की जाती है. समाज में लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं इसीलिए इस परंपरा में भी लड़की को लड़के के बराबर तवज्जो देते हुए आगे बढ़ना चाहिए. सिमरन ने बताया कि उन्होंने अपनी दीदी और जीजा से प्रेरणा लेते हुए तथा परिवार की सहमति से यह सब किया.