Kedarnath Dham and Badrinath Dham : चारधाम यात्रा क्यों करते हैं? केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम से जुड़ा वो रहस्य जो आप नहीं जानते

Kedarnath Dham and Badrinath Dham : सनातन धर्म के शास्त्रों में चार धाम की यात्रा का बहुत महत्व बताया गया है. एक ऐसी पवित्र यात्रा जिसे करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. धर्म ग्रंथों की माने तो जो लोग चार धाम हो आते हैं उनके पाप तो नष्ट होते ही हैं. इसके साथ ही वो जीवन-मरण के जाल से भी मुक्त हो जाता है. इन तीर्थस्थलों के बारे में ऐसी मान्यता है कि इन्हीं स्थलों से पृथ्‍वी और स्‍वर्ग का रास्ता प्रसस्त होता है.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Wed, 26 Apr 2023-10:28 am,
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चार धाम यात्रा

देहरादून : बीते सप्ताह 22 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खोल दिए गए और इसी के साथ चार धाम यात्रा (Chardham Yatra 2023) शुरू हो गई. केदारनाथ धाम 25 अप्रैल की सुबह ही शुरू हो गयी. वहीं, बद्रीनाथ धाम यात्रा (Badrinath Dham Yatra 2023) 27 अप्रैल 2023 से शुरू होने वाला है.

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यात्रा का पूरा ढर्रा

तीर्थयात्री जब अपनी शुभ यात्र पर निकलते हैं तो इस दौरान सबसे पहले वो यमुनोत्री (यमुना) इसके बाद गंगोत्री (गंगा) के दर्शन करते हुए आगे बढ़ जाते हैं. वे यहां से पवित्र जल लेकर बाबा केदारनाथ का अभिषेक करते हैं. इसके बाद यात्रा के अंतिम पड़ाव पर बद्रीनाथ धाम के दर्शन करते हैं.

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चार धाम यात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें

जिस समय गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाते हैं उस दौरान सहस्त्रनाम और गंगा लहरी का पाठ किए जाने का विधान है.  गंगोत्री में स्थित गौरी कुंड को लेकर कहते हैं यहां भगवान शिव की परिक्रमा माता गंगा करती हैं. 

 

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यमुनोत्री धाम यात्रा (Yamunotri Dham Yatra 2023)

यमुनोत्री धाम को सनातन शास्त्रों में असित मुनि का निवास कहा गया है. मान्यता है कि यमुनोत्री सूर्य की पुत्री और यम की बहन यमुना का उद्गम स्थान है. 

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गंगोत्री धाम यात्रा (Gangotri Dham Yatra 2023)

माता गंगा के शीतकालीन प्रवास को लेकर होने वाले उत्सव की बात करें तो इसे गंगा उत्सव डोली कहते हैं. यह डोली मुखवा से गंगोत्री धाम पहुंचाई जाती है. आर्मी बैंड की धुन पर यह यात्रा निकाली जाती है. डोली के साथ साथ सैकड़ों की संख्या में भक्त होते हैं. माता गंगा की डोली निकलने दौरान भक्त भावुक रहते हैं. 

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केदारनाथ धाम यात्रा (Kedarnath Dham Yatra 2023)

केदारनाथ धाम भगावन शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. धार्मिक मान्यताएं हैं कि महाभारत युद्ध के समय पांडव अपने ही भाइयों की मृत्यु के क्षोभ में थे और पार्यश्चित के लिए यहां पहुंचे थे. केदारनाथ धाम में बाबा केदारनाथ बैल की पीठ की आकृति-पिंड में हैं. 

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बद्रीनाथ धाम यात्रा (Badrinath Dham Yatra 2023)

बद्रीनाथ धाम के कपाट सबसे अंत में खोले जाएंगे. बद्रीनाथ धाम को नर-नारायण ऋषि की तपोस्थिली मानी जाती है. नर-नारायण भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक हैं. कहते हैं कि 'जो जाए बदरी, वो ना आए ओदरी' अर्थात बद्रीनाथ के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

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