Uttarkashi tunnel crisis:क्या है ऑगर मशीन, कैसे इस बाहुबली मशीन ने उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाया
Uttarkashi tunnel crisis:उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरो को सुरक्षित निकालने के लिए देहरादून से लेकर दिल्ली तक सभी आला अफसर से लेकर नेता और आमजन तक परेशान है. दिल्ली से टनल में ड्रिलिंग के लिए ऑगर मशीन वहां पहुंचाया गया. ये ऑगर मशीन मलबे में खुदाई करने के इस्तेमाल में आता है. इस ऑगर मशीन की वजन लगभग 25 टन तक है. यह ऑगर मशीन एक घंटे में करीब 5 मीटर तक मलबे को साफ कर सकती है.
45 लाख रुपये
अमेरिका निर्मित इस ऑगर मशीन की किमत 45 लाख रुपये है. इस मशीन के निर्माण कार्य हमारे भारत में भी होता है. लेकिन भारत में छोटे ऑगर का निर्माण होता है.
41 मजदूर फंसे
दिवाली के दिन करीब शाम 4 बजे के करीब शिफ्ट का काम पूरा करके मजदूर बाहर निकलने ही वाले थे कि तभी टनल के अंदर भूस्खलन हो गया. इस वजह से टनल में 41 मजदूर फंसे हुए है.
25 टन का वजन
इस मलबे को हटाने के लिए दिल्ली से ऑगर मशीन को बुलाया गया है. इस ऑगर मशीन की वजन करीब 25 टन का होता है. यह करीब एक घंटे में 5 मीटर तक का मलबा साफ कर सकता है.
घुमावदार आकार का एक उपकरण है
ऑगर मशीन एक प्रकार का घुमावदार आकार का एक उपकरण होता है. जिसका इस्तेमाल जमीन एवं कठोर सतह या फिर धातुओं की खुदाई में इस्तेमाल किया जाता है. इसके ब्लेड इतने मजबूत होते हैं कि धारदार और मजबूत होते हैं कि यह कठोर से कठोर मलबे और संरचना को भेद सकता है.
कई तरह के ऑगर
मार्केट में कई तरह के ऑगर मशीन मौजूद है. ऑगर का ज्यादातर इस्तेमाल कठोर चीजों की खुलाई( ड्रिल) करने के लिए की जाती है. इसके ब्लेड मार्केट में जरूरत के हिसाब से 4 इंच, 6 इंच , 8 इंच, 12 इंच और 18 इंच की डॉयमीटर वाली ऑगर मशीनें उपलब्ध है.
12 घंटे
अगर ऑगर मशीन अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करें, तो 12 घंटे मे पूरा मलबा हटा सकती है. लेकिन बीच बीच में कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसके वजह से समय लग रहा है