मुख्तार अंसारी की मुश्किलें और बढ़ीं, 33 साल पुराने केस में कोर्ट ने 5 धाराओं में तय किए आरोप
अदालत ने आईपीसी की धारा 467, 468, 420, 120 बी और एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13 (2) के तहत बाहुबली विधायक पर आरोप तय किए हैं.
मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की मऊ सदर सीट से बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट (Specail MP-MLA Court Prayagraj) ने फर्जी कागजात के जरिए शस्त्र लाइंसेंस हासिल करने के मामले में मुख्तार अंसारी पर पांच धाराओं में आरोप तय कर दिए हैं.
अदालत ने मुख्तार पर पांच धाराओं में तय किए आरोप
अदालत ने आईपीसी की धारा 467, 468, 420, 120 बी और एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13 (2) के तहत बाहुबली विधायक पर आरोप तय किए हैं. अब जल्द ही अदालत में इस मुकदमे का ट्रायल शुरू हो सकेगा. हालांकि शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने खुद पर तय किए गए आरोपों को नकार दिया और अदालत से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने की गुहार लगाई.
लंबे अरसे से अलग-अलग अदालतों में लटका रहा मामला
मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि 10 जून 1987 में उन्होंने फर्जी कागजात और जिलाधिकारी के जाली दस्तखत बनाकर गलत तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल किया था. जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद मुख्तार के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. लंबे अरसे से यह मामला अलग-अलग अदालतों में लटका रहा. कुछ साल पहले ही यह मामला प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर हुआ था.
मुख्तार अंसारी अभी उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है
स्पेशल कोर्ट के जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई में मुख्तार पर आरोप तय किये. जज ने मुख्तार अंसारी को पूरा फैसला पढ़कर सुनाया. आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी इन दिनों यूपी की बांदा जेल में बंद है. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की आने के बाद से मुख्तार के खिलाफ दर्ज मुकदमों में तेजी देखने को मिल रही है. योगी सरकार ने मुख्तार के अवैध साम्राज्य पर भी जबरदस्त कार्रवाई की है.
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