Fasahat Ali Khan Shanu May Join BJP: रामपुर: रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव (Rampur Assembly By Election 2022) से पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Bad News For Azam Khan) को बड़ा झटका लग सकता है. जानकारी के मुताबिक, आजम खान के मीडिया प्रभारी रहे फसाहत अली खान उर्फ शानू (Fasahat Ali Khan Shanu) सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं. शानू के साथ ही आजम खान के कई करीबी भी आज उनका साथ छोड़ देंगे. आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का रामपुर दौरा है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आज शानू समेत सपा नेता के अन्य करीबियों को बीजेपी में शामिल कराएंगे. 


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कौन हैं फसाहत अली खान उर्फ शानू? 
शानू की गिनती सपा नेता आजम खान के बेहद करीबियों में होती है. फसाहत अली के खिलाफ यतीमखाना प्रकरण समेत करीब 24 मुकदमे दर्ज हैं. ये मुकदमे रामपुर समेत अन्य जगहों पर दर्ज हैं. इनमें से कई मुकदमों में पूर्व में उन्हें जमानत भी मिल चुकी है. इसके साथ ही इसी साल मई महीने में प्रशासन ने उन्हें 6 महीने के लिए जिला बदर कर दिया था. जानकारी के मुताबिक, उनकी जिला बदरी खत्म हो गई है और वह अब रामपुर में हैं. फिलहाल शानू के बीजेपी में शामिल होने पर सपा को जोरदार झटका लगना तय है. 


विस चुनाव के बाद अखिलेश के खिलाफ दिया था चर्चित बयान
यूपी विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से फसाहत अली शानू ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ बयान दिया था. शानू ने कहा था, ''बीजेपी से हमारी क्या शिकायत, वो हमसे प्यार करते हैं हम उनसे प्यार करते है. जैसा सुलूक वो हमारे साथ करते हैं वैसा सुलूक हम उनके साथ करते हैं. हमारी शिकायत समाजवादी पार्टी से है. हमारे कपड़ों से राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को बदबू आती है. हमारे स्टेजों पर हमारा नाम नहीं लेना चाहते हैं. सारा ठीकरा अब्दुल ने ले लिया है. दरी भी अब्दुल बिछाएगा, वोट भी अब्दुल देगा और जेल भी अब्दुल जाएगा. अब्दुल का ही घर टूटेगा. हमने आपको और आपके वालिद को मुख्यमंत्री बनाया. आप इतना बड़ा दिल नहीं कर सके कि आजम खान को नेता प्रतिपक्ष बना देते. हमारे वोट से 111 सीटें आई हैं.'' 


उनका यह बयान काफी चर्चा में रहा था. माना जा रहा था कि शानू ने यह बयान आजम के इशारे पर दिया था. उस समय सपा में काफी उथल-पुथल मची थी. चर्चा थी कि अखिलेश की वजह से आजम खान सपा का साथ छोड़ देंगे. हालांकि, बाद में आजम और अखिलेश के बीच की दूरियां कम हो गईं.