Ratan Tata Death: देश के जाने-माने उद्योगपति और टाटा संस के आजीवन चेयरमैन एमिरेट्स, रतन टाटा ने बुधवार को दुनिया को अलविदा कह गए.  86 साल की उम्र में भी सक्रिय शीर्ष उद्योगपति ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली.  भारत के रतन कहे जाने वाले दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा अरबपतियों में शामिल होने के बावजूद अपनी सादगी से हर किसी का दिल जीत लेते थे. वह उन शख्सियतों में शुमार थे, जिनका हर कोई सम्मान करता था. रतन टाटा कई मौकों पर उत्तर प्रदेश आए. पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर छा गई. पीएम मोदी, सीएम योगी समेत कई हस्तियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है.


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शोक में डूबी कान्हा नगरी
मथुराः मशहूर उद्योगपति एवं टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा के निधन से कान्हा की नगरी भी उदास है. क्योंकि साल 2016 में रतन टाटा मथुरा आए थे. आठ वर्ष पहले उन्होंने द नयति मेडिसिटी के नाम से जिले के सबसे आधुनिक और बड़े हॉस्पिटल का उद्घाटन किया था. भले ही यह हॉस्पिटल आज बंद है पर मथुरा के लोग उनको अपने दिलों में बसाए हुए हैं.


आगरा में कहा था कि दिल जीत लिया
रतन टाटा ने अपनी जिंदगी में मोहब्बत की निशानी ताजमहल का भी दीदार किया था. रतन टाटा आखिरी बार एक सितंबर 2013 को आगरा आए थे. उन्होंने तब अपने मैक्सिकन दोस्त उद्योगपति इमिलियो डियाज बारसो के साथ ताजमहल देखा था. करीब 45 मिनट तक ताजमहल के दीदार दौरान उसकी खूबसूरती में खो गए थे.ताजमहल में उन्होंने ताज से जुडी याद सहेजने के लिए डायना बेंच पर बैठकर तस्वीर भी खिंचवाई थीं. विजिटर बुक में उन्होंने  लिखा था- कि ताजमहल मेरे दिल में है. इस दौरान ही टूरिस्ट गाइड मुकुल पांड्या से उन्होंने ताजमहल के आर्किटेक्ट और खूबसूरती में लगे स्टोन के बारे में जानकारी ली थी. अपनी सादगी के लिए वो जाने जाते थे. रतन टाटा की शख्सियत को देखें, तो वह सिर्फ एक बिजनेसमैन नहीं, बल्कि सादगी से भरे नेक और दरियादिल इन्सान, लोगों के लिए आदर्श और प्रेरणास्रोत भी थे।


कब हुआ था जन्म, करियर
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को नवल और सूनू टाटा के परिवार (family) में हुआ था. उन्होंने हावर्ड समेत कई विश्वविद्यालयों से डिग्री ली. उनके पिता नवल टाटा जाने-माने उद्योग पति थे. रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा ग्रुप में असिस्टेंट के पद पर की थी. इसके बाद उन्होंने कंपनी को आगे बढ़ाया. रतन टाटा को 21 साल की उम्र में ऑटो से लेकर स्टील तक के कारोबार से जुड़े समूह, टाटा समूह का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया था. चेयरमैन बनने के बाद रतन टाटा ने टाटा समूह को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया.  रतन टाटा को 53 साल की उम्र में 1991 में ऑटो से लेकर स्टील तक के कारोबार से जुड़े टाटा समूह का चेयरमैन बनाया गया था.  उन्होंने 2012 तक इस समूह का नेतृत्व किया. 1996 में टाटा ने टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को मार्केट में लिस्ट कराया था. चेयरमैन पद से हटने के बाद, टाटा को टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया था.


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