लखनऊ: धर्मांतरण रैकेट केस में यूपी एटीएस ने तीन और गिरफ्तारियां की हैं. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग होती रही है. इस मामले में मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, इरफान ख्वाजा व राहुल भोला को गिरफ्तार किया गया है.


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केंद्रीय मंत्रालय में कार्यरत इरफान ख्वाजा खान गिरफ्तार
इरफान ख्वाजा खान दिल्ली में मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेट्रेटर का कार्य करता है जिसकी वजह से उसका मूक-बधिर बच्चों से जुड़ी संस्थाओं में अच्छी पकड़ है. राहुल भोला मूक-बधिर है जो इरफान के साथ मिलकर अन्य मूक-बधिरों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था.


कतर-अबू धाबी-दुबई से IDC को फंडिंग होने के सबूत
मन्नू यादव भी मूक-बधिर है. उसी ने कानपुर के आदित्य गुप्ता का धर्मांतरण कराकर अब्दुल्ला कादिर बनाया था. इरफान लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए तरह-तरह की लालच देता था. इन तीनों की गिरफ्तारी दिल्ली और हरियाणा से हुई है. एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि इस्लामिक दावा सेंटर (Islamic Dawa Center) के बैंक खाते से करीब 1.5 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है. हवाला का सबूत भी मिला है, कतर-अबू धाबी-दुबई से ट्रांजैक्शन हुए हैं.


केस एनआईए को ट्रांसफर करने जैसी कोई बात नहीं
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एटीएस उमर  गौतम की संस्था आईडीसी के जरिए धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्तियों का सत्यापन करा रही है. अभी केस एनआईए को ट्रांसफर करने जैसी कोई बात नहीं है. आगे देखा जाएगा क्या होता है.


जाकिर नाइक के करीबी का नाम भी सामने आ रहा
बिलाल फलिफ का नाम सामने आ रहा है जो जाकिर नाइक का बहुत करीबी बताया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के 32 जनपद में एटीएस पड़ताल कर रही है. अब तक जितने मामले सामने आ रहे हैं उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है. उनके घर वाले परेशान हैं.


धर्मांतरण मामले में 3 धर्म गुरुओं की भूमिका संदिग्ध
धर्मांतरण मामले में तीन धर्म गुरुओं की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी. एटीएस तीनों की कुंडली खंगाल रही है. अब तक की पड़ताल में पता चला कि तीनों 2019 में एनआरसी व सीएए (CAA-NRC) विरोधी दंगों को भड़काने में भी शामिल रहे थे. इनमें से एक धर्म गुरू जेल भेजे जा चुके मोहम्मद उमर गौतम के संपर्क में भी रहा था. 


मोहम्मद उमर इस धर्म गुरु को कई बार अपने साथ हलीम मुस्लिम कॉलेज लेकर गया था, जहां मूक-बधिर छात्रों का ब्रेनवॉश किया जाता था. धर्मांतरण मामले में तीनों धर्म गुरुओं की भूमिका पता लगने के लिए एटीएम उनके बीते आठ माह का डाटा खंगालने में जुटी है.


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