लखनऊ:  2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, इसको लेकर अभी से  राजनीतिक गलियारों में खुसुर-फुसुर शुरू हो गई है. सभी पार्टियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए धार देनी भी शुरू कर दी है.  वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि सपा विधायक और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव 2024 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से दावेदारी कर सकते हैं.  


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अखिलेश Yadav से लोकसभा सीट छिनने के बाद कुछ Political दलों की नजरें उनके पिता मुलायम सिंह यादव की सीट मैनपुरी पर टिक गई हैं. इस सीट पर अब शिवपाल यादव ने भी ताल ठोंकने के संकेत दिए हैं. 


बीजेपी के साथ मिलकर लड़ सकते हैं 2024 का चुनाव 
अगर मुलायम सिंह यादव 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो पूरी संभावना है कि शिवपाल यहां से चुनाव लड़ जाएं. बताया जा रहा है कि तब बीजेपी उन्हें समर्थन दे सकती है. 


मुलायम सिंह स्वास्थ्य कारणों से राजनीतिक तौर पर बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं है. ऐसे में 2024 में उनके चुनाव लड़ने को लेकर संशय बरकरार है. यही कारण है कि उनकी गैरमौजूदगी में शिवपाल मैनपुरी को अपनी उम्मीदवारी के लिए फिरोजाबाद से ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं.


शिवपाल का कहना है कि अगर नेताजी मैनपुरी से अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वह इस सीट से चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे. मुलुायम सिंह 2019 में करीब 91 हजार वोट से चुनाव जीते थे. उस समय सपा और बसपा एक साथ लोकसभा चुनाव लड़े थे. 2019 में शिवपाल यादव ने फिरोजाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ा था. 


इसलिए मैनपुरी पर दांव?
मैनपुरी लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें भोगावं, किशनी, करहल, जसवंतनगर व मैनपुरी है. इनमें दो सीटें बीजेपी और तीन सीटें समाजवादी पार्टी  के पास हैं. करहल से सपा मुखिया अखिलेश यादव और जसवंतनगर से खुद शिवपाल यादव विधायक हैं.   


सपा के साथ कोई संबंध नहीं रखेंगे-शिवपाल
शुक्रवार को पार्टी कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान शिवपाल ने कहा था कि अब समाजवादी पार्टी के साथ उनका कोई रिश्ता नहीं रहेगा. 2022 में सपा के साथ जुड़ना गलती थी.  कई बार धोखा खा चुके हैं, अब और नहीं. नगर निगम चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे. प्रसपा मुखिया ने कहा कि निकाय चुनाव में पार्टी अधिकांश क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेगी, जिससे जनाधार बेहतर किया जा सके.


शिवपाल, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भाई हैं. जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के वे चाचा हैं. हालांकि अखिलेश यादव से वे नाराज चल रहे हैं. वहीं अब उन्होंने गठबंधन से अलग होने का भी ऐलान कर दिया है. इसलिए अटकलें हैं कि प्रसुपा उम्मीदवार के तौर पर वे मैनपुरी से चुनाव लड़ सकते हैं. 


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