स्वामी प्रसाद मौर्य का महंत राजू दास पर पलटवार, बोले- असल में संत होते तो श्राप ही काफी था, नहीं देनी पड़ती सुपारी
Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर विवादित बयान देने को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. सोमवार को एक बार फिर उन्होंने अयोध्या के महंत राजू दास के बयान पर पलटवार करते हुए तीखा हमला बोला है.
Swami Prasad Maurya: रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान (Ramcharitmanas Controversy) के बाद से स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya) लगातार विवादों में घिरे नजर आ रहे हैं. इसी बीच रविवार को हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास (Mahant Raju Das) ने सपा नेता का सिर तन से जुदा करने वाले को 21 लाख रुपये के इनाम देने की घोषणा की थी. जिस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अगर राजू दास असल में संत होते तो उनका श्राप ही मुझे खत्म करने के लिए काफी होता. 21 लाख की सुपारी देने की जरूरत नहीं पड़ती.
महंत राजू दास पर साधा निशाना
महंत राजू दास पर निशाना साधते हुए सपा नेता ने कहा, "हर असंभव कार्य को संभव करने का नौटंकी करने वाले एक धाम के बाबा की धूम मची है. आप कैसे बाबा है जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने का सुपारी दे रहे हैं, श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे. 21 लाख ₹ भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता."
"सिर तन से जुदा करने वाले को 21 लाख का इनाम"
रविवार को हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर विवादित बयान दिया था. महंत ने स्वामी प्रसाद मौर्य के हाथी चले बाजार कुत्ता भौंके हजार वाले बयान को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा था कि सपा नेता ने साधु-संत और ब्राह्मणों को उसने कुत्ता बोला है. स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर तन से जुदा करने वाले को हम 21 लाख का इनाम देंगे.
संतों, महंतों और धर्माचार्यों के बयानों पर पलटवार करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, "धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूँगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा."
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रामचरितमानस को लेकर दिया था विवादित बयान
बता दें कि पूर्व मंत्री समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है. सपा नेता ने कहा, रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है. तुलसीदास की रामायण में कुछ ऐसे अंश हैं, जिन पर हमें आपत्ति है. किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का हक नहीं है. तुलसीदास की रामायण में चौपाई है. इसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. धर्म के नाम पर विशेष जाति का अपमान किया गया है. तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था. करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते. इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.
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