बुजुर्ग ने जिंदा रहते कर डाला अपना ही क्रियाकर्म, तेरहवीं और पिंडदान कर दिया गांव वालों को भोज
Unnao News: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. 59 वर्षीय बुजुर्ग जटाशंकर कुशवाहा से जीते जी अपने पिंडदान कर दिए. यहां तक उन्होंने अपनी तेरहवीं पर 300 लोगों को आमंत्रण भी दिया. जटाशंकर ने 3 पत्नियां और 7 बच्चे होने के बाद भी अपना अंतिम संस्कार खुद कर दिया. जानें क्या वजह रही ये कदम उठाने की...
Gyanendra Singh/ Unnao News: उन्नाव से एक अजीब मामला सामने आया है. यहां जीवित इंसान ने खुद की तेरहवीं की हैं. इतना ही नहीं उसने मृत्यु भोज भी आयोजित किया. इसमें उसके परिवार वालों ने भी शिरकत की. व्यक्ति ने तीन वर्ष पहले ही खुद की कब्र भी बनवा ली थी. इस व्यक्ति का कहना है कि जब मृत्यु हो तो इसी क़ब्र में उसको दफन कर दिया जाय.
उन्नाव के केवाना गांव के जटाशंकर जिनकी उम्र 59 वर्ष है. उन्होंने बताया की आज उनकी तेरवही है. सब लोग मरने के बाद करते हैं हमने सोचा हम अपना जिंदा में कर ले. जब उनसे पूछा गया क्या यह अच्छा काम है कि जीते जी अपना दसवां और तेरहवीं करना. उन्होंने कहा कि मेरे लिए सब अच्छा है. जटाशंकर ने बताया कि उसकी तीन शादी हुई थी. उसके कुल 7 बच्चे हैं. उनसे पूछा गया कि क्या आपको अपने बच्चों पर भरोसा नहीं है कि वह आपके मरने के बाद आपका क्रिया कर्म दसवां, तेरहवीं करेंगे? तो उन्होंने बताया कि मुझे अपने शरीर पर भरोसा नहीं. कहा आज मेरी तेरहवीं है. आज हम सभी नाते रिश्तेदारों, भांजों को खिलाएगे. बताया कि उसने अपनी तेरहवीं में 300 लोगों को निमंत्रण भी दिया है. और दान दक्षिणा भी तथा आज रामायण का पाठ भी कराया.
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जिंदा जटाशंकर की तेरहवीं खाने के लिए उसकी बहन भी आई थी. अपने जीवित भाई की तेरवही में शामिल होने आई जटाशंकर की बहन सत्यभामा ने बताया की भाई ने उनको न्योता दिया था तो शामिल होने आई है. इसमें शामिल होने के लिए हमारा पूरा परिवार आया है. जटाशंकर के भांजे कन्हैया लाल ने बताया की आज उनके मामा की तेरहवीं है. उनके मामा जिंदा हैं मगर उनकी इच्छा है तो वह कर रहे हैं. इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं हुई है.