लखनऊ: देश में अगले साल की शुरुआत में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं, इसके लिए तैयारियां अब जोर पकड़ने लगी हैं. बीती 28 जुलाई को गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पंजाब के ​मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की केन्द्रीय चुनाव आयोग के साथ समीक्षा बैठक हुई. इसमें दिए गए निर्देशों के बाद अब यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय शुक्ल आगामी 3 या 4 अगस्त को चुनाव की तैयारियों को आगे बढ़ाने के लिए सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगे.


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अगले साल यूपी समेत इन पांच राज्यों में है चुनाव
गोवा विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 15 मार्च को, मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च को, उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च और पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च को पूरा हो रहा है. उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई को पूरा होगा. चूंकि यूपी छोड़कर अन्य चारों राज्यों में विधानसभा चुनाव मार्च में ही करवाए जाने जरूरी हैं. इस नाते यह माना जा रहा है कि यूपी चुनाव भी इन चार राज्यों के साथ ही करवाए जाएंगे.


उत्तरप्रदेश में 6 चरणों में हो सकता है विस चुनाव
इन सभी राज्यों में उत्तर प्रदेश का चुनाव कंडक्ट कराना ज्यादा मुश्किल है. यहां फरवरी से शुरू होकर अप्रैल तक छह चरणों में चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो सकती है. अन्य चार राज्यों में चुनाव एक चरण में ही समाप्त हो सकते हैं. चुनाव तैयारियों के तहत निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में मतदान केन्द्रों और पोलिंग बूथों के चिन्हांकन और उसके बाद मतदाता सूची के पुनरीक्षण के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है. 


अक्टूबर से दिसंबर तक होगा वोटर लिस्ट रीविजन
अगस्त व सितम्बर में चलाए जाने वाले अभियान में पोलिंग बूथ व मतदान केन्द्र में बदलाव के दौरान बुजुर्गों, दिव्यांगों की सुविधा आदि के बारे में देखा जाएगा. इस प्रक्रिया में राजनीतिक दलों से भी सुझाव व आपत्तियां ली जाएंगी और उनका निराकरण किया जाएगा. इसके बाद अक्टूबर से दिसंबर के बीच वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का काम चलेगा. इस बार वोटर लिस्ट में महिलाओं, युवाओं व दिव्यांगों को शामिल करने पर खास जोर रहेगा. इसके अलावा 1 जनवरी 2022 तक 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले नए मतदाताओं का नाम भी शामिल होगा.


जनवरी 2022 में पब्लिश होगा रिवाइज्ड वोटर लिस्ट
जनवरी के पहले सप्ताह में वोटर लिस्ट का फाइनल ड्राफ्ट प्रकाशित कर दिया जाएगा. यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि वह सभी जिलाधिकारियों के साथ बातचीत करने के बाद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेंगे और उनसे पोलिंग बूथों व मतदान केन्द्रों के बदलाव के बारे में सुझाव और आपत्तियां लेंगे. केंद्रीय चुनाव आयोग से आदेश मिलने पर वोटर लिस्ट का विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरू होगा, हमारी कोशिश रहेगी कि किसी भी एलिजिबल वोटर का नाम लिस्ट में छूटने न पाए.


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