UP Board Syllabus Change: यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव हो गया है. साल 2023-24 के सत्र में नैतिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में महापुरुषों की जीवनी को शामिल किया गया है. अब यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राएं विनायक दामोदर सावरकर (V D Savarkar) समेत 50 महापुरुषों की जीवन गाथा पढ़ेंगे. बीजेपी ने साल 2022 के चुनाव के दौरान संकल्प पत्र में इसका वादा किया था. वहीं, बीजेपी सरकार के इस फैसले के बाद से यूपी में सियासत तेज हो गई है. विपक्ष ने इस बदलाव को लेकर बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. 


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बोर्ड परीक्षा में नहीं जुड़ेंगे नैतिक शिक्षा के अंक 
इस सत्र यानी जुलाई से स्कूलों में शुरू होने वाले पाठ्यक्रम में 27 हजार स्कूलों के लगभग एक करोड़ छात्र महापुरुषों की जीवन पढ़ेंगे. इस पाठ्यक्रम को नैतिक योग खेल एवं शारीरिक शिक्षा विषय में शामिल किया गया है. यह विषय हर स्कूलों के लिए अनिवार्य है. इसमें छात्र-छात्राओं को पास होना अनिवार्य है. हालांकि इसके अंक बोर्ड एग्जाम के अंकपत्र में नहीं जुड़ेंगे. 



किस कक्षा में किस महापुरुष की जीवन गाथा पढ़ेंगे छात्र? 
कक्षा नौ में चंद्र शेखर आजाद, बिरसा मुंडा, बेगम हजरत महल, वीर कुंवर सिंह, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, गौतम बुद्ध, ज्योतिबा फुले, छत्रपति शिवाजी,विनायक दामोदर सावरकर, विनोबा भावे, श्रीनिवास रामानुजन और जगदीश चंद्र बोस की जीवनी है. 


कक्षा 10वीं में मंगल पांडेय, रोशन सिंह, सुखदेव, लोकमान्य तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, महात्मा गांधी, खुदीराम बोस और स्वामी विवेकानंद की जीवन गाथा पढ़ेंगे. 


कक्षा 11वीं के छात्र राम प्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, महावीर जैन पंडित मदन मोहन मालवीय, अरविंद घोष, राजा राममोहन राय, सरोजिनी नायडू, नाना साहब, महर्षि पतंजलि, शल्य चिकित्सक सुश्रुत और डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा की जीवनी पढ़ेंगे. 


कक्षा 12वीं के छात्र रामकृष्ण परमहंस, गणेश शंकर विद्यार्थी, राजगुरु रवींद्रनाथ टैगोर, लाल बहादुर शास्त्री, रानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप, बंकिम चंद्र चटर्जी, आदि शंकराचार्य, गुरु नानक देव, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, रामानुजाचार्य, पाणिनी, आर्यभट्ट और सीवी रमन की जीवनी पढ़ेंगे. 


सपा ने बीजेपी सरकार के फैसले पर बोला हमला 
सावरकर की जीवनी यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल होने पर सपा ने बड़ा हमला बोला है. सपा प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि अंग्रेजों से माफी मांगने वाले को छात्रों के सामने प्रस्तुत करके बीजेपी क्या करना चाहती है. जिसने अंग्रेजों की जी हजूरी की, उसे पाठ्यक्रम में शामिल करने पर यूपी सरकार को एक बार फिर से सोचना चाहिए. सरकार को अपने इस फैसले को वापस लेना चाहिए. 



शिक्षा मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने इस पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा पाठ्यक्रम में वीर सावरकर की जीवनी को शामिल किया गया है. एकता-अखंडता कायम रखने के लिए बदलाव किए गए हैं. हमने जो वादा किया था उसे पूरा किया है. विपक्ष को जो विरोध करना है, करता रहे. विपक्ष को वीर सावरकर के बारे में जानना चाहिए. 


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