लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया. विपक्ष के हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन की कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होनी थी. लेकिन सत्र की शुरुआत में ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया.


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सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने वेल में आकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. विपक्ष महिला अपराधों को लेकर नियम 311 के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहा था. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्न काल के बाद नियम 56 के तहत चर्चा की बात कही. जिस पर समाजवादी पार्टी ने हंगामा शुरू कर दिया.


विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विपक्ष के इस रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई और सदन को चौराहा न बनाने की बात कही. पहले सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित की गई. सदन की कार्यवाही जब फिर से शुरू हुई तो विपक्ष ने हंगामा जारी रखा. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया.


कांग्रेस विधान परिषद के नेता दीपक सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार केवल लोगों का दमन करने के लिए सत्ता में आई है. उन्होंने कहा, ''सत्र के दौरान मैंने चर्चा की मांग की तो सवाल खड़े किए गए.'' डॉ कफील पर रासुका लगाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि योगी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं.


वहीं, समाजवादी पार्टी विधायक दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने आरोप लगाया कि उन्होंने सदन में महिलाओं के हक की बात उठानी चाही तो उनकी बात नहीं सुनी गई.उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सरकार महिलाओं को प्रताड़ित कर रही है. डॉ कफील पर की गई कार्रवाई को लेकर राम गोविंद चौधरी ने कहा कि उन पर जानबूझ कर इस तरह के केस दर्ज कराए जा रहे हैं. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 7 मार्च तक चलेगा. आगामी 18 फरवरी उत्तर प्रदेश सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्य का बजट पेश करेगी.