Vaisakh Month 2023: हिंदू पंचाग के अनुसार, साल का दूसरा महीना वैशाख आज यानी 7 अप्रैल से शुरू हो गया है, जो 5 मई 2023 को समाप्त होगा. वैशाख माह को 'माधव मास' भी  कहा जाता है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, स्कंद पुराण में वैसाख माह को बेहद पवित्र और फलदायी बताया गया है. इस महीने में भगवान विष्णु की उपासना का खास महत्व है. मान्यता है कि वैशाख में स्नान, दान, जप, तप आदि का साधक को विशेष फल मिलता है. 


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शास्त्रों में कहा गया है, "न माधवसमो मासो न कृतेन युगं समम्। न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।।" अर्थात् वैशाख मास का अपना अलग महत्त्व होता है. इसके जैसा कोई दूसरा माह नहीं है. सतयुग के समान कोई युग नहीं है. वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगासागर के समान कोई तीर्थ नहीं है." 


जानकारों के मुताबिक, ज्योतिष शास्त्र में वैशाख माह से जुड़े कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से साधक को बहुत लाभ मिलता है. इन उपायों को करने से श्रीहरि का आशीर्वाद पा सकता है. साथ ही व्यक्ति के जीवन की सारी तकलीफें दूर हो सकती हैं. आइए जानते हैं वैशाख मास के कुछ महत्वपूर्ण उपायों के बारे में... 


वैशाख माह में करें ये आसान और खास उपाय (Vaishakh Month 2023 Jyotish Upay)


1. सुबह उठकर सूर्य देव को चढ़ाएं जल 
इस माह में सूर्यादय से पहले उठना चाहिए. स्नान आदि के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाकर दिन की शुरुआत करें. सूर्य को जल देते समय ''वैशाखे मेषगे भानौ प्रातः स्नानपरायणः। अघ्र्यं तेऽहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।'' मंत्र पढ़ें. इससे बल, बुद्धि, विद्या और दिव्यता की प्राप्ति होती है. 


2. श्रीहरि की करें उपासना 
वैशाख मास में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में रोजाना सुबह स्नान आदि के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजा के दौरान 11 बार 'ॐ माधवाय नमः' मंत्र का जाप जरूर करें. मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. पूजा में विष्णु भगवान को पंचामृत और तुलसी दल जरूर अर्पित करें. 


3. इन वस्तुओं का करें दान  
वैसे तो सनातन धर्म में 'दान' का खास महत्व है. इसकी महत्ता वैशाख मास में और अधिक बढ़ जाती है. वैशाख में जरूरतमंद लोगों को जल, गुड़, सत्तू, तिल आदि का दान करने से साधक को विशेष फल मिलता है. इन चीजों के दान से व्यक्ति को पितृ दोष से छुटकारा मिल जाता है. समस्त पापों का नाश होता है. 


4. जरूरतमंदों की करें सेवा 
वैशाख के माह में भीषण गर्मी पड़ती है. ऐसे में पशु-पक्षियों को दाना-पानी की व्यवस्था, जरुरतमंद इंसानों को खाना-पानी, जूते-चप्पल और कपड़ों का दान करना लाभकारी माना जाता है. इस महीने में वृक्षों को भी रोजाना की पानी देना चाहिए, उनकी सेवा करनी चाहिए. मान्यता है ऐसा करने से साधक को दस हजार राजसूय यज्ञ करने के समान फल मिलता है.


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5. पवित्र नदियों में स्नान 
संभव हो तो वैशाख में तीर्थ दर्शन करें और पवित्र नदियों जैसे- गंगा, यमुना, सरयू आदि में स्नान करें. ऐसा करने से तीन जन्मों के पापों से मुक्ती मिल जाती है. नदियों में स्नान ना कर पाने की स्थिति में घर पर पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. 


6. गीता का करें पाठ
वैशाख मास में गीता का पाठ करना और वैशाख माह की कथा सुनने का खास महत्व है. ऐसा करने से पुण्य मिलता है. 


7. इन आदतों का करें त्याग 
तैलाभ्यघ्गं दिवास्वापं तथा वै कांस्यभोजनम्।
खट्वानिद्रां गृहे स्नानं निषिस्य च भक्षणम्।।
वैशाखे वर्जयेदष्टौ द्विभुक्तं नक्तभोजनम्।।


वैशाख मास की प्रकृति के अनुसार, इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन और सात्विक भोजन करना चाहिए.इसलिए में दिन में सोने, तेल लगाने, कांसे के बर्तन में खाना खाने, पलंग पर सोने, वर्जित खाद्य पदार्थ को खाने, रात्रि में भोजन करने और घर में स्नान, इन आठ बातों का त्याग करने को कहा है. ऐसा करने से रोग और शोक का नाश होता है. 


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