Vegetable Prices : देश में खुदरा महंगाई में लगातार नरमी आ रही है, लेकिन खाने-पीने की चीजों में  महंगाई बनी हुई है. सब्जियों की ऊंची कीमतों से परेशान आम लोगों की थाली से हरी सब्जियां अब गायब होने लगी हैं. जिसके चलते आम लोगों की रसोई का बजट बिगड़ने लगा है क्योकि हर घर में यहीं सब्जियां सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है.  


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केंद्र सरकार का कहना है कि इस बार अच्छी बारिश होने के कारण सब्जियों की कीमतें कम हुई है. लेकिन केंद्र सरकार के अनुसार खास सब्जियां जैसे टमाटर, आलू, प्याज की खरीफ बुवाई के लिए किमतों में पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ोतरी हुई है मगर नई फसलों के आने से कीमतों में गिरावट आएंगी.


रबी-2024 की है फसल
प्याज की फसल तीन मौसमों में काटी जाती है: रबी मार्च-मई में, खरीफ सितंबर-नवंबर में तथा खरीफ की पिछली फसल जनवरी-फरवरी में. अभी के समय में बाजार में प्याज रबी-2024 की फसल है, जिसकी कटाई मार्च-मई 2024 के दौरान की गई थी. सरकार ने कहा कि रबी-2024 में अनुमानित 191 लाख टन का उत्पादन, प्रति माह लगभग 17 लाख टन की घरेलू खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है.


वहीं अगर आलू की बात करें तो यह भी अनिवार्य रूप से एक रबी फसल है, सितंबर से नवंबर के दौरान खरीफ आलू की फसल बाजार में उपलब्धता बढ़ती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल 273.2 लाख टन रबी आलू कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था, जो खपत मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. मॉनसून की बारिश से टमाटर की कीमतों में आग लग गई है. कई जगह टमाटर की कीमत 80 रुपये है तो कहीं 120 रुपये तक बेचा जा रहा है. 


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