लखनऊ: सीबीआई ने उत्तर प्रदेश में टीआरपी यानी ‘टेलीविजन रेटिंग पॉइंट’ स्कैम के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बीते दिनों महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश में भी टीआरपी स्कैम का एक मामला सामने आया था. एडवरटाइजिंग कंपनी गोल्डन रैबिट के सीईओ कमल शर्मा ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में इस मामलें एफआईआर दर्ज कराई थी. 


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पुलिस ने कमल की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ आपराधिक साजिश, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए टीआरपी में धोखाधड़ी, अमानत में खयानत (Breach of Trust) के आरोपों में IPC की धाराओं 468, 465, 463, 420, 409, 406, 120 B के तहत मुकदमा दर्ज किया था. इस एफआईआर के आधार पर यूपी की योगी सरकार ने टीआरपी स्कैम की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.


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इससे पहले 13 अक्टूबर को मुंबई क्राइम ब्रांच ने यूपी के मिर्जापुर जिले से टीआरपी स्कैम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया था और आगे की पूछताछ के लिए उसे अपने साथ गई थी. मिर्जापुर एएसपी सिटी संजय वर्मा ने बताया था कि जिले के कछवां थाना क्षेत्र के तुलापुर गांव निवासी विनय वर्मा मुंबई में हंसा कंपनी में ऑपरेटर था. कोरोना के कारण लाॅकडाउन लगा तो वह परिवार के साथ मुंबई से वापस अपने गांव तुलापुर आ गया.


उस पर आरोप है कि वह लोगों के घर में मौजूद सेट टाॅप बाॅक्स में मशीन लगाकर किसी विशेष चैनलों को देखने के लिए कहता था. इसके बदले वह लोगों को लुभावने ऑफर देता था. इस मामले में विनय के खिलाफ मुंबई के कांदीवली थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है. उसकी तलाश में मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम मिर्जापुर पहुंची थी. एएसपी सिटी संजय वर्मा ने बताया कि मुंबई क्राइम ब्रांच टीम को सीओ सदर व कछवां पुलिस के साथ भेजा गया था. टीम आरोपी विनय तिवारी को गिरफ्तार कर अपने साथ मुंबई ले गई.


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