Uttarkashi News: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल से 17 दिनों बाद 41 मजदूरों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया. रेस्क्यू खत्म होने के बाद सबके मन में सवाल उठ रहा है कि इस सुरंग में अब आगे काम होगा या नहीं?.क्या अब इस काम को रोक दिया जाएगा. इन सभी सवालों को विराम देते हुए केंद्रीय मंत्री जनरन वीके सिंह ने इस टनल को लेकर बड़ा बयान दिया है.  


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खबर विस्तार से
केंद्रीय मंत्री जनरन वीके सिंह ने कहा कि उत्तरकाशी में जो सुरंग बना रही थी उसके अंदर का एक हिस्सा जब उसको हम लोग परमानेंट करने लगे तो वह पूरा का पूरा नीचे गिर गया. पिछले 4 साल से इस हिस्से में काम हो रहा है. बाद में यह अंदाजा लगा कि वहां की जो मिट्टी है वह अलग तरीके की थी. वहां पर लोहे का जाल भी लगाया गया था. इतना करने के बाद भी वहां पर हादसा हो गया और हमारे 41 लोग फंस गए थे. शुरू में हम लोगों ने लगातार मलबा निकालने की कोशिश की, लेकिन मलबा ज्यादा गिरने लगा. इसके बाद फैसला लिया गया कि ऑगर मशीन के जरिए खुदाई की जाए. इस काम को करने में शुरुआत में दिक्कत आई. 


रैट माइनर्स 'योद्धाओं' ने बचाई जान
शुरुआत में ऑगर मशीन से हमें अच्छी सफलता मिली लेकिन बाद में गुफा में दिक्कत होने लगे लगी. एक मोटी रोड के आने से ऑगर मशीन खराब हो गई. वह मोटी लोहे की रॉड इस मशीन की कटिंग के दौरान उसमें लिपट गई थी. टनल के अंदर काम करने के अलग तरीक़े इस्तेमाल किये गए. हमें ऑगर मशीन के फंखे काट करके निकालना पड़ा. 11 मीटर का फासला था तब हमने ऑगर मशीन काम बंद कर दिया था. उसके बाद रेट माइनरिंग के जरिये हम 41 मजूदरों तक पहुंचे और निकालने में कामयाब रहे. 


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पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद
वीके सिंह ने कहा कि सुरंग का काम पूरा होगा. इसे ऐसे छोड़ के पीछे नहीं हट सकते हैं.जो दिक्कत थी वो खत्म हो गई. अब आगे के प्लान पर काम होगा और स्थिति के अनुसार सुरंग निर्माण का काम शुरू होगा. मीडिया से बात करते हुए जनरल वीके सिंह ने कहा कि यह एक अलग तरह की चुनौती थी. पीएम नरेंद्र मोदी खुद इसमें इन्वॉल्व थे. पिछले 17 दिनों से पीएम मोदी रोज सुबह-शाम इस घटना और रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर जानकारी ले रहे थे. 


महत्वाकांक्षी परियोजना
उत्तरकाशी सिल्क्यारा टनल हादसे के काम काम चालू होगा या नहीं इसको लेकर निर्माण एजेंसी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की तरफ से अभी कोई बयान नहीं दिया गया है. आपको बता दें कि सिल्क्यारा टनल 12 हजार करोड़ रुपए की यह महत्वाकांक्षी परियोजना 4.5 किलोमीटर लंबी है. यह केंद्र सरकार की 900 किलोमीटर लंबी 'चार धाम यात्रा ऑल वेदर रोड' प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है. इस परियोजना का लक्ष्य उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है. सिलक्यारा से बरकोट के बीच राडी नामक पहाड़ में छेद करके इस सुरंग को बनाया जा रहा है. हालांकि इसके निर्माण की खामियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं. 


सूत्रों के हवाले से खबर 
सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरंग का निर्माण कार्य कुछ दिनों तक बंद रहेगा. फिलहाल यहां काम रोक दिया गया है. मजदूरों को दो दिनों के लिए आराम दिया गया है. नाम ना छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा, उसे दो दिन तक आराम करने के लिए कहा गया है, जिसके बाद ठेकेदार की तरफ से जानकारी दी जाएगी. एक अधिकारी ने कहा, सुरक्षा ऑडिट होने तक काम रुका रहेगा.


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