उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को राजेंद्र प्रसाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की उपस्थिति में हुआ. शुक्रवार को इस कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान सीजेआई ने बढ़िया कानून व्यवस्था के सीएम योगी के शासन की जमकर तारीफ की. 


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सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा प्रयागराज गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है.यह शहर ज्ञान का भी त्रिवेणी है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की सीएम योगी ने तारीफ की.सीएम योगी ने कहा इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहते हुए डीवाई चंद्रचूड़ ने बेहतर कार्य किया था. डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यों की तारीफ आज होती है. ज्ञान के इस बड़े केंद्र के उद्घाटन में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ साहब की उपस्थिति हम सभी को गौरवान्वित करती है. सीएम योगी ने कहा, लोकतंत्र में जनता का विश्वास डगमगाया तो उसको सड़क पर उतरने में देर नहीं लगेगी, उस विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि हमें भारत के लोकतंत्र के स्तम्भों को और मजबूती प्रदान करनी चाहिए.


सीएम योगी ने कहा, 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान लागू किया था. इन 74 सालों में देश को एकता में बांधने की लोकतांत्रिक तरीके से प्रेरणा दी है. भारत जब अमृत महोत्सव वर्ष में प्रवेश कर रहा है तब न्याय के क्षेत्र में यह शहर एक कदम आगे बढ़ रहा है. भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के नाम पर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का उद्घाटन आज है.


 यह सभी के लिए गौरव का विषय है, जो छात्र यहां पर एडमिशन लिए हैं वह भी भाग्यशाली है. यूपी के लिए भी उपलब्धि है. हमने सुशासन को यूपी में स्थापित करने का प्रयास किया है. इसके लिए बार और बेंच का भी महत्वपूर्ण रोल है. यूपी के बार और बेंच की बदौलत ही आज यूपी कुछ नया करने की दिशा में अग्रसर हो रहा है. 


राजेंद्र प्रसाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को राज्य सरकार की तरफ से हर संभव मदद करके बढ़ाया जाएगा. लोकतंत्र में अगर जनता का विश्वास डगमगाया तो वह सड़कों पर आ जाएगी. इसलिए जनता के हितों को हमेशा सर्वोपरि रखना चहिए. हमारे पास तक कोई भी बात पहुंचती है तो उसको समाधान करना ही होगा. सरकार समाधान के मामले में आगे बढ़ी है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के लिए भी यह पल ख़ास है.
उनका इस शहर से नाता रहा है. लंबे समय बाद वह आए हैं. 


आज जब नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की शुरुआत हो रही है तो यह कई पीढ़ियों के लिए गौरवमई पल होगा. हमारे तरफ से भी अधिवक्ताओं के लिए तमाम कार्य किए जा रहे हैं. युवा अधिवक्ताओं को आगे आना चाहिए.


पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा का सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अनावरण किया. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि एक तरफ जहां हम तकनीक पर बात करते हैं. वहीं दूसरी तरफ हमे कानूनी शिक्षा पर भी गौर करना चाहिए.36 हजार आदेश को हिंदी में अनुवाद किया गया है.देश के प्रत्येक नागरिक तक आसान भाषा में ऑर्डर को पहुंचाने के लिए कार्य किया जाना चाहिए. 


संत कबीरदास की बात का हवाला देते हुए अंत में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न तो अधिक बोलना ठीक होता है और न ही अधिक चुप रहना ठीक होता है कहते हुए अपनी बात खत्म किया. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि एक तरफ जहां हम तकनीक पर बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हमे कानूनी शिक्षा पर भी गौर करना चाहिए. 36 हजार आदेश को हिंदी में अनुवाद किया गया है. देश के प्रत्येक नागरिक तक आसान भाषा में ऑर्डर को पहुंचाने के लिए कार्य किया जाना चाहिए. बार काउसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और सीएम योगी समेत अन्य गेस्ट का स्वागत किया.