Lucknow News:  योगी सरकार चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन में आ गई है. इस दौरान कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. सीएम योगी के कड़े रुख के बाद चकबंदी विभाग में एक के बाद एक लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी क्रम में राजस्व आयुक्त ने शुक्रवार को काम में शिथिलता बरतने पर एक चकबंदी समेत दो बंदोबस्त अधिकारी को निलंबित कर दिया है. दो चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज भी कराई गई है. ऐसे में सरकार ने चकबंदी प्रक्रिया में लगने वाले तीन से पांच वर्ष के समय को एआई/एमएल/ब्लाॅक चेन/ड्रोन के जरिए उस समय को कम करने को प्लान बनाया है. 


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ई-टेंडर किए जारी 
मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी प्रक्रिया में सुधार के निर्देश दिए हैं. इसी के तहत चकबंदी प्रक्रिया को पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत करते हुए इसके लिए कार्यदायी संस्था को चयनित तथा कम समय में पूरी पारदर्शिता और जन सहभागीदारी के साथ चकबंदी कार्य पूरे करने को कहा गया है. इसके लिए एआई/एमएल/ब्लाॅक चेन/ड्रोन रोवर के आधार पर ई-टेंडर जारी किए जाएंगे. फिर इसी के आधार पर टेस्टिंग के रूप में एक-एक ग्राम आवंटित किया जाएगा. इससे चकबंदी प्रक्रिया में लगने वाला समय तीन से पांच वर्ष से घटकर एक से डेढ़ वर्ष हो जाएगा.


अधिकारियों के खिलाफ FIR
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने चकबंदी कार्यों में शिथिलता बरतने और मानक के अनुसार काम न करने पर बलिया, सीतापुर के बंदोबस्त अधिकारी अनिल कुमार और संतोष कुमार को निलंबित कर दिया. इसी तरह तत्कालीन चकबंदी अधिकारी सम्प्रति सहायक चकबंदी अधिकारी कामता प्रसाद को सिद्धार्थनगर के ग्राम गढावर में शासकीय भूमि को क्षति पहुंचाने में दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति के साथ आरोप सिद्ध होने पर बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं, चकबंदी अधिकारी, अलीगढ़ बृजेश कुमार शर्मा व महराजगंज ऐश मुहम्मद को चकबंदी क्रियाओं के दौरान गम्भीर अनियमितता पर दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.


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