Bharat Ratna PV Narasimha Rao: देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देकर मोदी सरकार ने बड़ा सियासी दांव खेल दिया है. इससे आंध्र प्रदेश में राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुटी बीजेपी को फायदा मिलेगा. इसके पीछे बीजेपी की सोची समझी रणनीति साफ दिख रही है. कांग्रेस शासनकाल में प्रधानमंत्री रहे नरसिम्हा राव को भारत रत्न क्यों नहीं देने का सवाल आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के लिए राजनीतिक मुश्किलें खड़ी करने वाला है. इसे तेलगु अस्मिता की पहचान का मुद्दा बनाकर बीजेपी लोकसभा चुनाव में सियासी फायदा उठाने की कोशिश करेगी.


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आंध्र प्रदेश में बीजेपी चंद्रबाबू नायडू की तेलगु देशम पार्टी के साथ दोबारा गठबंधन का संकेत दे रही है. बीजेपी को 25 सीटों वाले आंध्र प्रदेश में एक भी सीट 2019 में नहीं मिली थी. पिछली बार लोकसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी की आंधी देखने को मिली थी. तेदेपा को भी बुरी तरह नुकसान हुआ था. 


अयोध्या में जब विवादित ढांचे का विध्वंस हुआ था, तब केंद्र में नरसिंहा राव की ही सरकार थी. तब केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश समेत तीन राज्यों में बीजेपी की सरकार को बर्खास्त कर दिया था, लेकिन बीजेपी की ही सरकार में उन्हें भारत रत्न देकर यह बड़ा संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी वैचारिक विरोधों से परे रहकर देश के बड़े नेताओं को उनकी राष्ट्र सेवा के लिए याद करती है.