Meerut Hanuman Mandir : मेरठ के  बुढ़ाना गेट पर 160 वर्ष पुराना सिद्धपीट हनुमान मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केन्द्र हैं  इस मंदिर में 25 वर्षो से अखंड ज्योति जल रही है. यहां ऐसी मान्यता है कि 40 दिन घी के दीपक जलाने से सभी मनोकमना पूरी होती है. प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भीड़ लगी रहती है. वहीं मगंलवार और शनिवार को हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा होती है साथ ही चोला भी चढ़ाया जाता है. इस मंदिर में दूर-दूर से लोग हनुमान जी के दर्शन के लिए आते है.


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हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना 
मंदिर के वरिष्ठ प्रंबधक श्री अनिल पाठक के मुताबिक उनके ससुर पंडित बनवारी लाल शर्मा प्रयागराज के निवासी थे. वहीं  मंदिर प्रांगण में अखाड़े का संचालन पंडित छोटेलाल करते थे. दरअसल हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना इन्ही दोनों ने की थी. दोनों ही बाल ब्रह्मचारी थे. इस कारण  मंदिर की गद्दी अपने भांजे पंडित बनवारी लाल जी को बुला कर सौंप दी. इसके बाद मंदिर  की सेवा और प्रबंधन अपना बेटी कृष्णा पाठक और  पुत्रों को सौंपकर स्वर्गवासी हो गए.


155 वर्ष पुराना पीपल का वृक्ष
जानकारी के मुताबिक पहले मंदिर परिसर में एक कुंआ भी था. यहां पर रुककर राहगीर पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते थे. पहले बुढ़ाना तक लोग तांगे से जाते थे. बुढ़ाना गेट पुलिस चौकी के पास होने से इसका नाम बुढ़ाना पड़ा गेट पड़ा. वहीं इस मंदिर में आज भी करीब 155 वर्ष पुराना  पीपल का वृक्ष है. दरअसल मंदिर की मूर्ति जिस रूप में  स्थापित की गई थी आज भी उसी रूप में बनी हुई है.


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