Ursula Hospital Kanpur : बीवी की याद में ताजमहल, मंदिर जैसी यादगार चीजें तो बहुत से प्रेमियों ने बनवाई, लेकिन कानपुर में एक ब्रिटिश अफसर ने अपनी पत्नी की याद में एक अस्पताल बनवाया, जहां हर साल लाखों मरीजों का इलाज होता है और वो दिल से दुआएं देते हैं. 


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ये कानपुर बड़े चौराहे पर स्थित उर्सला हॉर्समैन मेमोरियल हॉस्पिटल है. अंग्रेजी अफसर हॉर्समैन ने 26 फरवरी 1937 को पत्नी उर्सुला की याद में ये अस्पताल बनवाया था, जो उनका बीवी के लिए बेपनाह मोहब्बत का प्रतीक था. 


कहा जाता है कि अल्बर्ट हॉर्समैन का अपनी पत्नी उर्सला बेहद खूबसूरत थी और दोनों में बेपनाह प्यार था. लोग उन्हें हुस्न ए मल्लिका के नाम से भी बुलाते थे. अल्बर्ट हॉर्समैन की शादी 1921 में उर्सला से हुई थीं, दोनों के चार बच्चे भी हुए, लेकिन 1935 में मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में हुए एक विमान हादसे ने उर्सला को हॉर्समैन से छीन लिया. इस हादसे ने अल्बर्ट हॉर्समैन को पूरी तरह झकझोर दिया. पत्नी की याद में उन्होंने अपने भाई हेनरी हॉर्समैन के साथ मिलकर उर्सला हास्पिटल की नींव रखी. ये हास्पिटल आज कानपुर में 550 बेड की सुविधा वाला जोन का बड़ा सरकारी अस्पताल बन गया है.  


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हेनरी हार्समैन जो एक बड़े उद्योगपति और स्वदेशी मिल के संस्थापक भी थे, उन्होंने अपनी मां एलिस हार्समैन की याद में डफरिन हास्पिटल भी बनवाया, वो भी सरकारी अस्पताल की तरह इस्तेमाल होता है. 


उर्सला हॉर्समैन मेमोरियल हॉस्पिटल में सुविधाएं
उर्सुला हास्पिटल में 1250 लोगों का स्टाफ है. 11 अरब रुपये से ज्यादा का दान इस अस्पताल को हर साल मिलता है. यहां 12 से ज्यादा क्लीनिकल यूनिट हैं. इसमें बर्न यूनिट, कार्डियक यूनिट, डायलिसिस यूनिट, फिजियोथेरेपी, ICU, ICCU, MRI, सीटी स्कैन, वेंटीलेटर, PBU, नियोनेटल यूनिट, सीआर्म, डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड जांच, पैथालॉजी, ब्लड बैंक जैसी यूनिट हैं. कोविड-19 के दौरान इस मरीजों के ललाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 2010 में अस्पताल में 5 मंजिला निजी वार्ड जोड़ा गया था.


 


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