Ghaziabad news: हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, पश्चम बंगाल और कर्नाटक की तरह अब उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू करने की तैयारी योगी सरकार ने कर ली है. इसके तहत सोसाइटी और कंस्ट्रक्शन साइट्स पर लिफ्ट और एस्केलटर लगाने के लिए सरकार से परमिशन लेना जरूरी है. 


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दरअसल पिछले कुछ महीनों में लिफ्ट से होने वालें हादसों को देखते हुए सरकार ने ये निर्णय लिया है. किसी भी बहुमंजिला इमारत में लगाई गई लिफ्ट यदि कानून के दायरे से बाहर है, उसमें कोई गंभीर हादसा होने पर मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत 1 लाख का जुर्माना और तीन साल तक की जेल हो सकती है.


इस विधेयक के आने के बाद अब गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा सहित पूरे उत्तर प्रदेश में बिल्डरों को लिफ्ट लगाने से पहले ऊर्जा विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य हो जाएगा. इसके साथ ही हर साल सर्विसिंग कराना भी अनिवार्य हो जाएगा. ये कानून आ जाने के बाद लिफ्ट और एस्केलटर से होने वाली दुर्घटनाओं की पूरी जिम्मेदारी बिल्डिंग के मालिक की रहेंगी. बता दें कि ये फैसला सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया है. 


दरअसल पिछले साल नोएडा में एक लिफ्ट हादसा हुआ था जिसके बाद इस कानून की मांग तेज हो गई थी. पिछले साल सितंबर महीने में ग्रेटर नोएडा के आम्रपाली ड्रीम वैली प्रोजेक्ट साइट पर हुए हादसे में 8 मजदूरों की मौत हो गई थी. ऐसी केवल एक घटना नहीं है देश में समय-समय पर कई एसी घटनाएं सामने आती रहती है. हैरानी की बात तो ये है कि लिफ्ट में  हो रही इन घटनाओं के लिए अब तक कोई ठोस कानून नहीं बनाया गया है. देश के कुछ ही राज्यों में लिफ्ट लगाने के लिए लाइसेंस लेने की जरूरत पड़ती है. लेकिन, कई राज्यों में अभी भी बिना लाइसेंस के ही लिफ्ट लगाए जा रहे हैं.


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