लखनऊ:  उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) के लिए 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक भाजपा की मतदाता सूची के निरीक्षण, दावे और आपत्तियां लेगी. इसके बाद 4 से 11 जनवरी तक दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा. भाजपा ने सेक्टर एवं बूथ कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि पार्टी के समर्थक प्रत्येक पात्र व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने पर पूरा ध्यान दिया जाए. 


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राज्य सरकार पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. प्रदेश को चार हिस्सों में बांटकर चुनाव कराने की तैयारी है. ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे. पंचायती राज विभाग 28 जनवरी से पांच फरवरी के बीच चुनाव के संबंध में संभावित कार्यक्रम देने पर विचार कर रहा है. इसके बाद आयोग अपने हिसाब से पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करेगा. राज्य सरकार की मंशा 31 मार्च तक चुनाव कराते हुए पंचायतों का गठन कराने की है, जिससे अप्रैल में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं पर किसी तरह का कोई असर न पड़े.


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ग्राम प्रधानों को जारी राशि की होगी जांच
आपको बता दें कि 25 दिसंबर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो गया है. प्रदेश में 58 हजार गांवों में अब प्रधान का पद खाली हो गए हैं. इसके बाद शनिवार से ग्राम पंचायत का काम एडिशनल डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर (ADO) को सौंप दिए गए हैं. यही अधिकारी ग्राम पंचायत के विकास के लिए काम करेंगे. साथ ही लोगों की समस्याओं का निवारण भी करेंगे. वहीं योगी सरकार ने ग्राम प्रधानों को आवंटित की गई राशि के खर्च का ब्यौरा मांगा है. साथ ही इसकी जांच भी की जा रही है कि उस राशि का इस्तेमाल ग्राम प्रधान किन कार्यों के निर्माण में किया है.


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एक साथ होंगे चार चुनाव
यूपी पंचायत चुनाव इस बार बैलेट पेपर से कराए जाएंगे. इसको लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. जिलों पर मतपत्र भेजे जाने लगे हैं. गौरतलब है कि इस बार ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे. 


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पढ़े-लिखे लोगों को चुनाव लड़ाने की तैयारी
चुनाव लड़ने वालों के लिए दो बच्चों और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य करने को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक, यूपी सरकार ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन ये सब मुख्यमंत्री के संज्ञान में है. उन्हें इस पर निर्णय लेना है.


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