मुरादाबाद: आगामी पंचायत चुनाव को लेकर यूपी की योगी सरकार तैयारियों में जुटी है. चुनाव लड़नें वालों के दो बच्चों और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य करने को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं. अगर ऐसा होगा तो किसी अंगूठा टेक व्यक्ति का प्रधान, ब्लॉक प्रमुख अथवा जिला पंचायत अध्यक्ष व प्रतिनिधि बन पाना संभव नहीं होगा.


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अभी तक नहीं लिया गया है कोई निर्णय
यूपी के पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि कई प्रदेशों में पंचायत चुनावों में चुनाव लड़नें वाले प्रत्याशियों की शैक्षिक योग्यता और दो बच्चों की बाध्यता वाला नियम लागू है. हालांकि, यूपी सरकार ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. लेकिन ये सब मुख्यमंत्री के संज्ञान में है उन्हें इस पर निर्णय लेना है.


विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा असर
गौरतलब है कि 2022 में यूपी में विधान सभा चुनाव होने हैं.  उससे पहले 2021 के पंचायत चुनावों में योगी सरकार पूरे दम खम से उतरने वाली है. अगर दो बच्चों की बाध्यता और अनिवार्य शैक्षिक योग्यता की शर्त योगी सरकार चुनाव में लगा देती है तो ये यूपी में पंचायत चुनाव में बड़ा असर डालेगा.


इन राज्यों में लागू है अनिवार्य न्यूनतम शैक्षक योग्यता का नियम
हरियाणा, राजस्थान और उड़ीसा जैसे राज्यों में ग्राम पंचायत सदस्य व प्रधान से लेकर क्षेत्रीय व जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव लड़ने वालों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य है. यहां अलग-अलग पदों के लिए कक्षा आठ से लेकर इंटरमीडिएट परीक्षा तक पास होना जरूरी है.


मतपत्र से ही होंगे चुनाव
इस बार भी चुनाव मतपत्र के सहारे किए जाएंगे. इसके लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी है. जिलों में मतपत्र भेजे जाने लगे हैं. इस बार एक वोटर को एक साथ चार मतपत्र मिलेंगे. क्योंकि ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव एक साथ कराया जाएगा.


गौरतलब है कि पिछले बार ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव एक साथ और क्षेत्र पंचायत सदस्य- जिला पंचायत सदस्य के चुनाव अलग-अलग हुए थे. हालांकि, इस बार सभी पदों के लिए एक बार में चुनाव कराने की तैयारी है.


मार्च 2021 से पहले हो सकते हैं चुनाव
ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के कार्यकाल खत्म होने वाले हैं. योगी सरकार मार्च 2021 से पहले चुनाव कराने का प्रयास कर रही है. कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रशासनिक अधिकारी कार्यभार संभालेंगे.