जौनपुर: यूपी पंचायत चुनाव में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गई है. रविवार तक चलने वाली इस प्रक्रिया के तहत प्रदेश के 18 जनपजदों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, और जिला पंचायत सदस्या के पदों के लिए प्रत्याशी अपने नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंच रहे हैं. वहीं, सूबे के जौनपुर जिले के एक प्रत्याशी साल भर से प्रधानी का चुनाव लड़ने के लिए तैयारी कर रहा था. इस दौरान हजारों रुपये उसने खर्च कर भी कर दिया और नामंकन पत्र भी खरीद लिया. लेकिन मतदाता लिस्ट में ही उसका नाम नहीं मिला. 


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क्या है पूरा मामला 
दरअसल, जौनपुर जनपद की भरथरी ग्राम पंचायत से दलई राम एक साल से प्रधानी की तैयारी कर रहा था. जब आरक्षण की लिस्ट जारी की गई तो उसमें भरथरी ग्राम प्रधान का पद अनुसूचित जाति की महिला के आरक्षित किया गया. इसके बाद दलई राम अपनी पत्नी प्रेमा देवी को चुनाव लड़ाने का फैसला किया. प्रेमी देवी के नाम से पोस्टर, बैनर भी छप गए. इसके बाद पूरा गांव उनके नाम के पोस्टर छा गया. दलई राम घर-घर जाकर वोटरों से अपने पक्ष में वोट डालने की अपील भी करने लगा. 


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एसडीएम से लगाया गुहार 
इसके बाद दलई राम पत्नी के जरूरी कागजातों को एकत्रित करने का काम शुरू कर दिया.  उसने अपनी पत्नी का जाति प्रमाणत्र , नोड्यूज सर्टिफिकेट भी बनवा लिया था. इसके अलावा नामांकन पत्र भी खरीद लिया था. इस दौरान उन्होंने देखा कि पत्नी का नाम मतदाता सूची में है नहीं, पहले तो उसको अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ. इसके बाद उसने कई लोगों से मतदाता सूची की लिस्ट को चेक करवाया. इसके बाद भी जब नाम नहीं मिला तो उसका दिमाग काम करना ही बंद कर दिया. फिर उसके परिचितों ने समझया कि अभी भी आप ब्लॉक में जाकर एसडीएम से गुहार लगा सकते हैं. 


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बर्बाद हो जाइब साहब
बीते गुरुवार को दलई राम एसडीएम के पास प्रार्थना पत्र के साथ पहुंचा. रोते हुए कहा कि साहब  "अभी ले 20 हजार से ज्यादा रुपिया खर्च हो गइल बा. अगर मतदाता सूची में हमार मेहरारु के नाम ना जोड़ल जाइ त हमार कई वर्ष के सपना टूट जाई. हम बर्बाद हो जाइब साहब''.


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