लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 15 मार्च से 7 अप्रैल के बीच हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक ऐसी खबर है कि सरकार जल्द ही इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर सकती है. उत्तरप्रदेश के पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने भी एक राष्ट्रीय अखबार से बातचीत के दौरान ऐसे ही संकेत दिए हैं. इससे पहले फरवरी-मार्च में चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही थी, क्योंकि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो चुका है और सरकार ने यह संकेत दिए थे कि पंचायत चुनाव बोर्ड परीक्षा से पहले हो जाएंगे. 14 जनवरी को दिनेश शर्मा एक अहम बैठक लेने वाले हैं. इसमें वह बोर्ड परीक्षा को लेकर कुछ फैसला कर सकते है. 


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चक्रानुक्रम आरक्षण व्यवस्था
साल 2015 के पंचायत चुनाव में सीटों का आरक्षण नए सिरे से हुआ था. बता दें कि 2015 में ग्राम प्रधान पद के लिए सीट जिन पंचायतों को आरक्षित की गई थी, उसके अधार पर इस बार बदलाव किया जाएगा. कई नेता अपने राजनीतिक रसूख के दम पर अपने गांव को प्रधान पद के सीट पिछड़ा वर्ग और एससी-एसटी के लिए आरक्षित नहीं होने देते हैं. हालांकि, इस बार ग्राम पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था ऑनलाइन होने की बात कही जा रही है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जो सभी तरह की सीटों में शामिल होंगी. इनमें ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण हैं. आरक्षण की रूप रेखा चक्रानुक्रम आरक्षण से तय होता है. चक्रानुक्रम आरक्षण का अर्थ यह है कि आज जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, अगले चुनाव में वह सीट उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होगी.


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पार्टियों ने कसी कमर
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. राजनीतिक दल भी अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. जहां एक और शिवसेना जैसी पार्टी चुनाव में ताल ठोकने की घोषणा कर चुकी है, तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. यूपी बीजेपी राज्य कार्यकारिणी की बैठक में 6 क्षेत्रों के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए. पंचायत चुनाव में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के लिए प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर को पश्चिम, अवध में अमरपाल मौर्य, बृज में अश्विनी त्यागी, गोरखपुर में अनूप गुप्ता, काशी में सुब्रत पाठक और कानपुर, बुंदेलखंड में प्रियंका रावत को प्रभारी बनाया गया है. वहीं, गोविन्द शुक्ला को मुख्यालय प्रभारी नियुक्त किया है.


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बैलेट पेपर से कराए जाएंगे चुनाव
पंचायत चुनाव के लिए इस बार भी मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए कुछ समय पहले ही जिलों में मतपत्र भेजे जाने लगे हैं. वहीं, इस बार ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे. पढ़े-लिखे लोगों को चुनाव लड़ने का मौका देने की बात की जा रही है.


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