लखनऊ: यूपी पुलिस (UP Police) ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के बदसलूकी के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है. लखनऊ एसएसपी कलानिधि नैथानी ने इस पूरे विवाद में यूपी पुलिस और महिला ऑफिसर डॉ. अर्चना सिंह का पक्ष रखा जिस पर प्रियंका गांधी ने धक्का देने, गला दबाने का आरोप लगाया है. एसएसपी ने प्रियंका की कार को रोकने की वजह का भी खुलासा किया. 


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नैथानी के मुताबिक, "प्रियंका गांधी का लखनऊ में आज भ्रमण का कार्यक्रम थ! वहीं शाम को जब यह अपने कार्यालय से निकले तो इनके द्वारा गलत रूट जाने पर क्षेत्राधिकारी द्वारा रोका गया क्योंकि उधर जाने का कोई प्रोटोकॉल नही था. इसीलिए रोका गया." 


नैथानी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, "क्षेत्राधिकारी डॉ. अर्चना सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक को प्रेषित रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रियंका गांधी निर्धारित रूट से नहीं जा रही थीं, इसलिए उनकी गाड़ी रोकी गई. ऐसा सुरक्षा के मद्देनजर किया गया लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने जानकारी देने से इनकार कर दिया गया. बाद में प्रियंका गांधी पैदल उतरकर कार्यकर्ताओं के साथ चलने लगीं. सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक बातें मसलन गला पकड़ना/गिराना पूरी तरह असत्य है."


 



इससे पहले, प्रियंका गांधी ने लखनऊ में पुलिसकर्मियों पर धक्का-मुक्की करने और गला दबाने का आरोप लगाया. प्रियंका के मुताबिक ये घटना उस वक्त हुई जब वो पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने जा रही थीं. महिला कांग्रेस ने भी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ हुई बदसलूकी पर कार्रवाई की मांग की है. कांग्रेस ने इस मामले में CRPF के IG और डायरेक्टर जनरल को चिट्ठी लिखकर मामले की जानकारी दी. हालांकि यूपी सरकार ने प्रियंका के आरोपों को बेबुनियाद बताया. यूपी कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने ट्वीट कर इसे पूरे मामले को नौटंकी बताया. उन्होंने कहा कि ये कुछ वक्त तक प्रियंका को पब्लिसिटी जरुर दे सकती है लेकिन वोट नहीं.