NEET परीक्षा मुद्दे पर सोमवार को संसद सत्र के पहले दिन हंगामा देखने को मिला. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सभी परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं. एक ही केंद्र से 2-2 हजार परीक्षार्थी पास हो रहे हैं, क्या इसमें गलत नहीं दिखता. किसी सेंटर से 600-700 भी नीट एग्जाम पास करके छात्र निकले हैं. ऐसे में फिर से परीक्षा करने की छात्रों की मांग पर सरकार ध्यान क्यों नहीं देती. 
वहीं  लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा, मामला यह है कि देश में लाखों छात्र हैं, जो इस बात से बेहद चिंता में हैं कि क्या हो रहा है और उनका मानना ​​है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक धोखाधड़ी है. लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा पास कर सकते हैं. 


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अखिलेश ने कहा, ये सरकार कोई और रिकॉर्ड बनाए न बनाए, लेकिन पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी. पूरे देश के छात्र इसमें आंदोलित थे, सीबीआई जांच हो रही है. सेंटर वार जिन बच्चों को सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं, क्या उनकी सूची जारी करेंगे. 30 हजार सरकारी सीटें ही हैं. कई केंद्रों में ऐसे बच्चे हैं, जहां से सबसे ज्यादा नंबर छात्रों को मिले हैं. अगर परीक्षा कराने वाली एजेंसी इतनी विश्वसनीय थी तो   जिन सेंटर परीक्षा हुई, उनके पास क्या ढांचा था. ये मंत्री जी रहेंगे तो न्याय नहीं मिलेगा.


विपक्षी सांसदों के सवालों पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, पिछले सात साल में पेपर लीक का ठोस सबूत नहीं मिला है. NEET का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. NTA गठन के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं.



केंद्रीय मंत्री ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ऑर्डर के बाद सभी पास परीक्षार्थियों का डेटा उपलब्ध करा दिया गया है. केरल के बच्चों ने अच्छा किया है. एससी-एसटी और पिछड़े वर्ग के बहुत से बच्चे पास हुए हैं, तो क्या उनकी प्रतिभा पर सवाल उठाएंगे. जहां तक पेपर लीक के मुद्दे की बात है तो सबको पता है कि सबसे ज्यादा पेपर लीक किस सरकार में हुए हैं. 


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