UP Elections: बंटेंगे तो कटेंगे के योगी का नारे का अखिलेश ने दिया जवाब, गाजियाबाद में लंबे समय बाद पहुंचे पूर्व सीएम
Ghaziabad News: गाजियाबाद में अखिलेश यादव ने वर्तमान की राजनीतिक घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है, जिसमें नए डीजीपी की नियुक्ति और चुनावी प्रक्रिया में बदलाव शामिल हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विशेष रणनीति के तहत चुनाव तिथियों को स्थगित कर रही है.
Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति आजकल काफी विवादास्पद है. हाल में लखनऊ और दिल्ली में जो घटनाक्रम को देखकर अखिलेश यादव ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति करते हुए एक नई परंपरा की शुरुआत की है, जोकि अपने करीबी सहयोगियों को महत्व देने के लिए किया गया है.
गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के लिए जीत हासिल करना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. मौजूदा विधायक अतुल गर्ग के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है. बीजेपी ने इस बार संजीव शर्मा को ब्राह्मण समाज से उम्मीदवार बनाया है, जबकि बसपा ने वैश्य समाज के पीएन गर्ग को टिकट दिया है. सपा ने दलित समाज के सिंह राज जाटव को मैदान में उतारकर चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है
सपा ने अपनाया अयोध्या वाला फॉर्मूला
गौरतलब है कि सपा ने अयोध्या वाला फॉर्मूला अपनाते हुए दलित प्रत्याशी को उतारा, जिससे मुकाबला रोमांचक हो गया है. उपचुनाव में बसपा का आना और सपा का दलित प्रत्याशी उतारना, बीजेपी के पारंपरिक वोट बैंक में सेंधमारी कर सकता है. पिछले चुनावों में कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन के दौरान दलित वोट कांग्रेस को शिफ्ट हुए थे, अब यह देखना होगा कि ये वोट किस तरफ जाएंगे.
अंग्रेज चले गए, लेकिन बंटवारे की राजनीति छोड़ गए
अखिलेश यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से मिली फटकार ने यूपी सरकार की स्थिति को और भी खराब कर दिया है. अंग्रेज चले गए, लेकिन बंटवारे और टकराव की राजनीति को पीछे छोड़ गए हैं. हाल ही में, पुलिस द्वारा वकीलों के साथ हुए व्यवहार की उन्होंने कड़ी निंदा की, यह दर्शाता है कि कानून-व्यवस्था के संस्थानों में कितना संकट है.
चुनाव तिथियों में बदलाव को लेकर अखिलेश ने क्या कहा?
इसके अलावा, चुनाव में बदलाव को लेकर अखिलेश यादव का मानना है कि दिवाली और भाई दूज की छुट्टियों के चलते सरकार ने जानबूझकर चुनावी तारीखों को आगे बढ़ाया है, ताकि अधिक से अधिक लोग वोट डाल सकें. हार के डर से इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री यह कहते हैं कि वह रामपुर बना देंगे, तो इसका अर्थ है कि वह वोटिंग प्रक्रिया को रोकने के लिए योजनाएं बना रहे हैं.
अखिलेश यादव का स्पष्ट कहना है कि उनकी रणनीति बूथों को मजबूत बनाना है, ताकि चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके. राजनीति में बदलाव लाने के लिए उन्हें सक्रिय रूप से काम करने की आवश्यकता है.
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