विशाल सिंह/लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में मिली शानदार जीत के बाद से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के हौसले बुलंद हैं. सपा प्रमुख का पूरा फोकस अभी 2027 के विधानसभा चुनाव पर लगा हुआ है. अखिलेश आने वाले चुनाव के लिए सियासी तानाबाना बुन रहे हैं.वहीं अखिलेश यादव किसी भी सूरत में बागियों को लेने के लिए तैयार नहीं है. अखिलेश उन बागियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में जो सपा छोड़कर बीजेपी में गए हैं. इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव के बीच गठबंधन का पाला बदलने वाले आरएलडी चीफ जयंत चौधरी को भी संदेश दे दिया है.


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इन्होंने की थी क्रॉस वोटिंग
सपा बागियों की सदस्यता खत्म कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को दे सकती है आवेदन. मनोज पांडेय, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल, राकेश पांडे, आशुतोष मौर्या ने  क्रॉस वोटिंग  की थी.


दलबदल विरोधी कानून के आधार पर सदस्यता खत्म कराने की तैयारी
सपा सुबूत जुटा रही है बागी विधायकों की सदस्यता खत्म कराने के लिए. बागी विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के आधार पर सदस्यता खत्म कराने के लिए सपा तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रही है.


पार्टी में वापसी की संभावना से इंकार
सपा अध्यक्ष ने इन बागी विधायकों की पार्टी में वापसी की संभावना से इंकार कर दिया है. उन्होंने ये तक भी कहा है कि बागी विधायकों को जो भी पक्ष लेगा, उनको भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा.  अखिलेश के इन तेवरों के बाद साफ है कि वो बागियों को कतई भी छोड़ने के मूड में नहीं है. इस साल फरवरी में सपा के 8 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के साथ खड़े हो गए थे और लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का खुलकर प्रचार भी कर रहे थे, लेकिन नतीजे के बाद उनकी तेवर ढीले पड़ गए हैं. इस तरह अखिलेश यादव फिलहाल कांग्रेस के साथ मिलकर ही 2027 के विधानसभा चुनाव लड़ने का फॉर्मूला बना रखा है.


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