Akhilesh Yadav: लोकसभा चुनाव से पहले सीबीआई के बुलावे पर अखिलेश ने उठाए सवाल, बताया क्यों नहीं जाएंगे दिल्ली
Akhilesh Yadav News : समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव को अवैध खनन मामले के संबंध में नोटिस जारी किया गया है. अखिलेश को इस मामले में पूछताछ के लिए 29 फरवरी को दिल्ली में बुलाया गया. खबर है कि अखिलेश दिल्ली नहीं जाएंगे.
Illeagal Mining Case in UP: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मामला दर्ज करने के पांच साल बाद अवैध खनन मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को 29 फरवरी यानी गुरुवार को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया है. लेकिन अखिलेश पेश होंगे या नहीं, ये सभी संशय बना हुआ है. इस बीच अखिलेश यादव सुबह निर्धारित कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. ऐसे में अटकलें बढ़ गईं कि क्या वो दिल्ली जा सकते हैं. दरअसल, सीआरपीसी की धारा 160 के तहत जारी नोटिस में एजेंसी ने उन्हें 2019 में दर्ज मामले के संबंध में पेश होने के लिए कहा गया. अब जानकारी पुष्ट नहीं है कि अखिलेश यादव दिल्ली में सीबीआई ऑफिस जा रहे हैं या नहीं.
अखिलेश ने उठाए सवाल
CBI समन पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ये नोटिस ठीक चुनाव से पहले भेजा गया है. 2019 की एफआईआर पर 5 साल से कोई जानकारी मांगी गई, लेकिन मैं जांच में सहयोग करूँगा. लेकिन ये लखनऊ में हो, इस समय दिल्ली जाने में असमर्थ हूँ..
इससे पहले समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा था कि अवैध खनन मामले में गवाही के लिए अखिलेश यादव दिल्ली नहीं जाएंगे, वो लखनऊ में एक बैठक में भाग लेंगे, लेकिन सुबह का तय कार्यक्रम नहीं हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है.सपा सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव को लखनऊ सपा मुख्यालय में पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग) की बैठक में शामिल होना था.समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने भी इसकी पुष्टि की.
धारा 160 के तहत जारी नोटिस में एजेंसी ने उन्हें 2019 में दर्ज मामले के संबंध में पेश होने के लिए कहा. इस धारा के तहत पुलिस अधिकारी को जांच में गवाहों को बुलाने की अनुमति होती है. सीबीआई ने उन अधिकारियों से भी पूछताछ की थी, जिन्होंने बताया था कि अखिलेश यादव माइनिंग पोर्टफोलियो होल्ड कर रहे थे और उन्होंने 14 लाइसेंस इश्यू किए थे. इनमें से 13 लाइसेंस एक ही दिन 17 फरवरी 2013 को जारी किए गए थे. ये सब मैन्युअली बिना ई टेंडरिंग प्रोसेस के किए गए थे.
अखिलेश को नोटिस
सीबीआई द्वारा यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बतौर गवाह सीबीआई कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है. यह नोटिस एक एफआईआर के संबंध में जारी किया गया है. दरअसल, हमीरपुर में 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने 2019 में FIR दर्ज की थी. इस FIR में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेड, खनन अधिकारी और कई लोक सेवकों का नाम शामिल था. वह गवाह के तौर पर पेश होंगे. सीबीआई इस मामले में उनका भी बयान दर्ज करेगी.
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, जनवरी 2019 में तत्कालीन डीएम, खनन अधिकारी और कई अन्य लोक सेवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. अवैध खनन मामले में आरोप है कि, आपराधिक साजिश के तहत सरकारी कर्मचारियों द्वारा बिना प्रक्रिया का पालन किये अवैध रूप से नए पट्टे और नवीनीकरण पट्टे जारी हुए थे. लोगों को अवैध रूप से खनन करने दिया गया. ये मामला 2012-2016 के बीच है. उस समय यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे. आरोप है कि लोगों को अवैध रूप से छोटे खनिजों का उत्खनन करने की अनुमति दी गई. साथ ही लघु खनिजों की चोरी करने और धन उगाही करने की भी अनुमति दी गई.
इन धाराओं में दर्ज हुई FIR
28 जुलाई 2016 को हाई कोर्ट के आदेश बाद CBI ने एफआईआर दर्ज की थी. इसमें तत्कालीन डीएम हमीरपुर, जियोलॉजिस्ट, माइनिंग ऑफिसर, क्लर्क, लीज होल्डर और प्राइवेट और अज्ञात लोगों के खिलाफ 120 बी, 379, 384, 420, 511 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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