प्रदूषण के बहाने अखिलेश का तंज, `यूपी की सरकार को वैसे भी कुछ नहीं दिखाई देता, अब तो...`
समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने प्रदूषण के बहाने योगी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार को कुछ दिखता नहीं है. अब तो धुंध का बहाना और मिल जाएगा.
Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बीजेपी पर तंज करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. ताजा मामले में अखिलेश यादव ने एक बार फिर से बीजेपी को आड़े हाथ लिया. लोकसभा सांसद अखिलेश ने जहां केंद्र सरकार को दिल्ली के प्रदूषण के लिए कसूरवार बताया तो वहीं इस बहाने योगी सरकार पर तंज कसा. अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार को वैसे ही कुछ दिखता नहीं है. अब धुंध हो जाएगी तो और नहीं दिखेगा.
दरसअल रविवार को अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने लिखा, ''प्रिय देश-प्रदेशवासियों, दिल्ली में प्रदूषण का कहर ‘वार्षिक’ विषय बन गया है. देश की केंद्र सरकार जहां बैठती है जब वहीं पर्यावरण को साफ़ और सेहतमंद रखने के लिए केंद्र सरकार कुछ नहीं कर पा रही है तो बाक़ी देश का क्या. इसे कहते हैं चिराग़ तले अंधेरा या कहिए धुंधलका.''
अखिलेश यादव ने आगे लिखा, ''दुनियाभर में देश का डंका पीटने का दावा करनेवाली भाजपा सरकार राजधानी में ही देश की तस्वीर को धुंध से धुंधला होने से बचा नहीं पा रही है. यहीं पर दुनिया भर के देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के आफ़िस भी हैं, उनके बीच इससे क्या संदेश जाता होगा. ये भाजपा सरकार के शासन और नीतियों की नाकामी है.''
सपा नेता ने आगे कहा, ''अब तो इस कहर का असर यूपी तक आने लगा है. चाहे यमुना नदी का जल प्रदूषण हो या वायु प्रदूषण ये जनता के स्वास्थ्य को और ताजमहल को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. उप्र की भाजपा सरकार को वैसे भी कुछ नहीं दिखाई देता है अब तो उन्हें धुंध का बहाना भी मिल जाएगा. ऐसे में जनता से आग्रह है कि अपने जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा स्वयं करें. इस धुंधलके में गाड़ी ध्यान से देखकर चलाएं और साँस की बीमारियों से ख़ुद भी बचें और घर-परिवार के बड़े बुजुर्गों और बच्चों के साथ ही बीमार लोगों का भी ख़ास ध्यान रखें.''
आपको बता दें कि अखिलेश यादन ने ऐसे समय पर ट्वीट किया है जब यूपी में 9 सीटों पर उपचुनाव को लेकर सियासत गर्माई हुई है. जहां एक ओर अखिलेश यादव ने सपा प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है तो वहीं उनका मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी से है. अब देखना है कि उपचुनाव के नतीजे किसके पक्ष में रहते हैं.